ऐतिहासिक शेरशाह सूरी के तालाब में एक साथ मरी हजारों मछलियां, सारंध मार रहा सरोवर, पर्यटकों का जीना मुहाल

ऐतिहासिक शेरशाह सूरी के तालाब में एक साथ मरी हजारों मछलियां,

सासाराम. एक हैरान करने वाली घटना में सासाराम के ऐतिहासिक शेरशाह सूरी के तालाब में अचानक भारी संख्या में मछलियां मर गई। मंगलवार सुबह लोगों ने तालाब में बड़ी संख्या में मछलियों को मरा पाया. तालाब में बड़ी संख्या में मछलियां मरकर पानी में उपला रही हैं। बता दें कि कई क्विंटल मछलियां मर गई है। माना जा रहा है कि इस ऐतिहासिक स्थल के तालाब का पानी काफी दूषित हो गया है जिस कारण मछलियां मर रही हैं. 


चुकी सिंचाई विभाग के द्वारा इनलेट के माध्यम से पानी की सप्लाई होती है तथा आउटलेट से पानी की निकासी होती है। बताया जा रहा है कि कुछ महीनो से इन-लेट से मकबरा के तालाब में ताजा तथा साफ पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। जिस कारण पानी दूषित होने की संभावना है। तालाब में मछली पालन करने वाले संवेदक मछुआरा का कहना है कि पिछले कई दिनों से वह सिंचाई विभाग के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि मकबरा के तालाब में इन-लेट के माध्यम से साफ पानी का आपूर्ति किया जाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब एक साथ अचानक से बड़ी संख्या में मछलियां मरने लगी है। बता दें कि मछलियों के मरने से तालाब में सारंध मार रहा है। ऐसे में पर्यटक को भी काफी परेशानी है। 


शेरशाह सूरी का मकबरा बिहार के सासाराम में स्थित है। जिसका निर्माण 16 अगस्त 1545 में पूरा हुआ था। इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण शेर शाह सूरी का मकबरा सासाराम शहर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। इसे बोलचाल की भाषा में भारत का दूसरा ताजमहल भी कहा जाता है। करीब 52 एकड़ में फैले सरोवर के बीच में स्थित यह मकबरा 122 फीट ऊंचा है. 

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इसी 52 एकड़ में फैले सरोवर में अब बड़ी संख्या में मछलियां मर गई हैं. ऐसे में तालाब के रखरखाव और इस ऐतिहासिक स्थल के उचित देखभाल नहीं होने का आरोप स्थानीय लोग लगा रहे हैं. साथ ही इससे यहां की पर्यटन गतिविधियों पर भी असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है. 


रंजन कुमार की रिपोर्ट