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नौकरी पाने के लिए हजारों लोग हुए बीमार! सच्चाई जानकर कंपनी के उड़े होश, जानें क्या है बीमारी का सच

नौकरी पाने के लिए हजारों लोग हुए बीमार!  सच्चाई जानकर कंपनी के उड़े होश, जानें क्या है बीमारी का सच

DESK. नौकरी पाने के लिए लोग कितनी मेहनत करते हैं और साथ ही क्या कुछ नहीं करते हैं. हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ एक, दो नहीं बल्कि देश की एक जानी मानी कंपनी के सैंकड़ों कर्मचारियों ने नौकरी पाने के लिए बीमारी का बहाना बना लिया. दरअसल कर्मचारी एक दूसरी कंपनी में साक्षात्कार देना चाहते थे और इसीलिए कंपनी के अलग अलग शहरों में एक साथ सैंकड़ों कर्मचारियों ने बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी मार दी

मामला भारत की सबसे बड़ी एअरलाइन में एक इंडिगो का है. शनिवार को इंडिगो की घरेलू उड़ानों में से 55 प्रतिशत देरी से चलीं. जाँच में पता चला कि बड़ी संख्या में चालक दल के सदस्यों ने बीमारी के नाम पर छुट्टी ले ली थी. सूत्रों के अनुसार चालक दल के संबंधित सदस्य इस तरह छुट्टी लेकर एअर इंडिया (एआई) के भर्ती अभियान में शामिल होने चले गए थे. इस मामले के बारे में पूछे जाने पर नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, हम इसे देख रहे हैं और नज़र बनाए हुए है. उद्योग के सूत्रों ने बताया कि एअर इंडिया में भर्ती अभियान का दूसरा चरण शनिवार को आयोजित किया गया था. इंडिगो के चालक दल के अधिकतर सदस्यों ने रोग-अवकाश (सिक लीव) लेने के बाद इसके लिए ही गए थे.

क्यों जाना चाहते है लोग एअर इंडिया में : इंडिगो वर्तमान में रोजाना लगभग 1,600 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करती है. नागर विमानन मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, इंडिगो की मात्र 45.2 प्रतिशत घरेलू उड़ानें शनिवार को समय पर संचालित हुईं। इसकी तुलना में शनिवार को एअर इंडिया, स्पाइसजेट, विस्तारा, गो फर्स्ट और एअरएशिया इंडिया की क्रमश: 77.1 फीसदी, 80.4 फीसदी, 86.3 फीसदी, 88 फीसदी और 92.3 फीसदी उड़ानों का परिचालन समय पर हुआ. इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रोंजॉय दत्ता ने आठ अप्रैल को कर्मचारियों से एक ईमेल के जरिए कहा था कि वेतन बढ़ाना एक कठिन मुद्दा है, लेकिन एअरलाइन अपनी लाभप्रदता और प्रतिस्पर्धी माहौल के आधार पर वेतन की लगातार समीक्षा और समायोजन करेगी. चार अप्रैल को इंडिगो ने कुछ पायलट निलंबित कर दिए थे, जो कोविड-19 महामारी के चरम पर होने के दौरान की गई वेतन कटौती के विरोध में हड़ताल करने की योजना बना रहे थे. अब ऐसे कई कर्मचारी हैं जो इंडिगो से एयर इंडिया जाना चाहते हैं और इसीलिए उन्होंने शनिवार को एक साथ बीमारी का बहाना बना दिया. 

पिछले साल आठ अक्टूबर को एअरलाइन के लिए सफलतापूर्वक बोली जीतने के बाद टाटा समूह को 27 जनवरी से एअर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथो में मिल गया था. एअर इंडिया नए विमान खरीदना और अपनी सेवाओं में सुधार करना चाहती है तथा हाल में इसने चालक दल के नए सदस्यों के लिए एक भर्ती अभियान शुरू किया है . विमान विनिर्माता एअरबस के मुख्य वाणिज्य अधिकारी क्रिश्चियन शेरर ने 19 जून को दोहा में कहा था कि एअर इंडिया टाटा समूह के सक्षम नेतृत्व के तहत खुद को स्पष्ट रूप से पुनर्गठित कर रही है और यह अंतरराष्ट्रीय यात्री बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के लिए नए विमानों में निवेश करना चाहती है. महामारी के चरम पर होने के दौरान, इंडिगो ने अपने पायलटों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी. इस साल एक अप्रैल को, एअरलाइन ने पायलटों के वेतन में आठ प्रतिशत वृद्धि करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी. इसने कहा था कि कोई व्यवधान नहीं होने की स्थिति में नवंबर से 6.5 प्रतिशत की एक और बढ़ोतरी लागू की जाएगी. हालांकि, पायलटों का एक वर्ग असंतुष्ट रहा और उसने हड़ताल आयोजित करने का फैसला किया.


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