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बिहार के 1509 मठ-मंदिर की जमीन को लेकर नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों में फेंका-फेकी, BJP विधायक ने उठाया था सवाल

बिहार के 1509 मठ-मंदिर की जमीन को लेकर नीतीश कैबिनेट के दो मंत्रियों में फेंका-फेकी, BJP विधायक ने उठाया था सवाल

PATNA:  बिहार के मठ-मंदिरों के जमीन की अवैध बिक्री रोकने को लेकर विधानसभा में आज सरकार ने जवाब दिया। बीजेपी विधायक संजय सरावगी के ध्यानाकर्षण सूचना का जवाब राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत कुमार ने दिया। प्रश्नकर्ता सदस्य संजय सरावगी ने कहा कि मंत्री साफ-साफ जवाब नहीं दिये हैं। वहीं मठ-मंदिर के अनिबंधित जमीन की रजिस्ट्री को लेकर विधि मंत्री और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते दिखे।

मठ-मंदिर की जमीन भगवान का

राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने सदन में बताया कि धार्मिक न्यास की भूमि सरकारी भूमि की श्रेणी में नहीं आता है। मठ-मंदिर ठाकुरबाड़ी की जमीन पर पुजारी का नाम दर्ज नहीं होगा। केवल अभियुक्ति के नाम में पुजारी का नाम दर्ज होगा। रैयत के नाम पर महंथ का नाम नहीं बल्कि इष्ट देव,राधा-रानी का नाम होगा। भगवान जमीन के मालिक होंगे। अभी तक यह रैयती जमीन मानी जाती रही है। धार्मिक न्यास बोर्ड इन जमीनों पर निगरानी करेगा। अब इस जमीन की बिक्री नहीं होगी। हम साधु-संतों के विरोधी नहीं हैं।लोग धर्म के नाम पर अपनी संपत्ति को मठ-मंदिर को देते हैं। कैबिनेट से पास कराकर उस जमीन पर अब केवल धर्म के काम किये जायंगे। उसको बेचने नहीं देंगे। जमीन सरकार के अधीन लेकिन मठ-मंदिर का होगा।

दो मंत्रियों में जमीन की फेंका-फेकी

बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने पूछा कि विधि विभाग ने साल भर तक खोजबीन कर 1509 मठ-मंदिर की जमीन को अनिबंधित पाया था।  इसके निबंधन को लेकर सरकार ने क्या कार्रवाई की। विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने इस पर कहा कि 25-26 हजार एकड़ जमीन है जो अनिबंधित है। ऐसे में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री अपने अंचल अधिकारी से पैमाइश कराकर धार्मिक न्यास बोर्ड को रिपोर्ट करें।  इस पर स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा कि यह पूरे बिहार का अतिमहत्वपूर्ण मामला है। ऐसे में दोनों मंत्री इस मामले को आपस में बैठक कर देखें। 



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