बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

घूसखोरों से शिकस्त मिलने पर तिलमिलाई नीतीश सरकार, मुख्य सचिव ने दिया बड़ा आदेश

घूसखोरों से शिकस्त मिलने पर तिलमिलाई नीतीश सरकार, मुख्य सचिव ने दिया बड़ा आदेश

PATNA : घूसखोरी से त्रस्त नीतीश सरकार को हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में भद्द पीट रही है। सरकार के आदेश पर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जिन घूसखोरों को घूस की रकम के साथ पकड़ा था ,उन लोगों को कोर्ट से बाइज्जत बरी किया जा रहा है। अधिकांश केसों में सरकार को सिर्फ हार का सामना करना पड़ रहा है। इससे स्पष्ट है कि या तो निगरानी ने वैसे अधिकारियों को जानबूझकर फंसाया या फिर कोर्ट में बिहार सरकार अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख पा रही। पूरे मामले में सरकार की साख पर बड़ा बट्टा लगा है।लिहाजा एक बार फिर से नीतीश सरकार एक्शन में है।सरकार अब एक साल के भीतर के उन तमाम केसों की समीक्षा करेगी। नीतीश सरकार वैसे घूसखोरों को जो कोर्ट से राहत लेकर एकबार फिर से ड्यूटी कर रहे हैं उनके खिलाफ उपरी अदालत में जाने पर विचार कर रही है।  

कोर्ट में क्यों हो रही नीतीश सरकार की हार?
 न्यायालय मे मिल रही करारी हार से नीतीश सरकार सकते में है। अधिकांश केसों मे बिहार सरकार का सबूत कोर्ट में टिक नहीं रहा। लिहाजा अधिकांश बर्खास्त अधिकारी और कर्मी दूबारा सेवा मे आ जा रहे हैं। अब सरकार ने  पिछले 1 साल में रंगे हाथों रिश्वत लेते सरकारी सेवकों के केसों की समीक्षा करने जा रही है।

मुख्य सचिव करेंगे समीक्षा

मुख्य सचिव पहले 26 नवम्बर से 30 नवम्बर तक समीक्षा करने वाले थे ।लेकिन अब वे 10 दिसम्बर से 18 दिसम्बर तक इन केसों की समीक्षा करेंगे।मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी विभाग के प्रधान सचिव को केस से जुड़े तमाम दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। समीक्षा के बाद रिपोर्ट को सीएम नीतीश के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।सीएम के आदेश पर संबंधित विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।

विभागीय सूत्रों से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार वैसे सभी मामले जिसमे सरकार की हार हुई है उसमें उपरी अदालत का रूख किया जाएगा।इस बार सरकार उपरी अदालत में अपना पक्ष मजबूती से रखेगी।दरअसल सरकार को यह आशंका है की कोर्ट में सरकारी वकील  अपना पक्ष मजबूती से नहीं रख रहे। लिहाजा मुख्य सचिव सरकारी वकीलों के काम भी समीक्षा करेंगे।अगर जरूरत पड़ी तो सरकारी वकीलों को बदला भी जाएगा। ताकि कोर्ट में सरकार की तरफ से वकील मजबूती से पक्ष रख सकें।

नीतीश कुमार की क्या है मजबूरी

नीतीश कुमार ने निगरानी विभाग को भ्रष्ट सरकारी अफसरों और सरकारी सेवकों पर कार्रवाई का आदेश दे रखा है। निगरानी विभाग वैसे अधिकारियों पर कार्रवाई भी कर रहा। लेकिन कुछ ही महीनों बाद वैसे अधिकारी कोर्ट से बरी होकर फिर से वापस सेवा में आ जा रहे हैं। जिससे सरकार को विवश होकर फिर वैसे आरोपी अफसरो और क्लर्को से काम लेना पड़ता है। 

Suggested News