PATNA : पटना हाईकोर्ट में पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस- मछली बेचने पर पाबन्दी लगाने सम्बंधित जनहित याचिका सुनवाई पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम को जवाब दायर करने के लिए दो सप्ताह की और मोहलत दी। चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ इस जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। इस मामले पर अगली सुनवाई 22 मार्च 2024 को की जाएगी।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम को कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया था कि हैदराबाद की एक निर्माण कंपनी ने पटना में स्लॉटर हाउस बनाने का प्रस्ताव दिया है। कोर्ट को ये भी बताया गया था कि 33 साल के लीज पर 7 एकड़ जमीन पर स्लॉटर हाउस बनाया जायेगा। इस पर दस से बारह करोड़ रुपये का खर्च होगा।
कोर्ट ने इस बारे में पटना नगर निगम को स्लॉटर हाउस की विस्तृत जानकारी देने के लिए पिछली सुनवाई में समय दिया था। पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि आधुनिक बूचडखाने के निर्माण और विकास के लिए स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है।
साथ ही निविदा की कार्रवाई की जा रही है। पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह की मोहलत मांगी थी,जिसे कोर्ट ने स्वीकृत कर लिया था।ये जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया था कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस मछली काटे और बेचे जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे जहाँ आम आदमी के स्वास्थ्य पर पर बुरा असर पड़ता हैं, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
याचिकाकर्ता की अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचडखानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए। उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाने चाहिए,ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 22 मार्च,2024 को की जाएगी।