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भाई को सबक सिखाने के लिए भाई ने रची लूट की साजिश, फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर लाखों लूटा

भाई को सबक सिखाने के लिए भाई ने रची लूट की साजिश, फर्जी इनकम टैक्स अधिकारी बनकर लाखों लूटा

लखीसराय. फर्जी आयकर अधिकारी बनकर एक घर से लाखों रुपए नकदी और जेवरात लूटकर फरार होने वाले के मामले में लखीसराय पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है और आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. पिछले महीने की 31 जनवरी को जिले के कवैया थाना क्षेत्र में संजय सिंह के घर दोपहर में कुछ लोग आ धमके. उन्होंने खुद को आयकर अधिकारी बताकर घर में जाँच पड़ताल शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने घर की महिलाओं को एक कमरे में बंद कर दिया. फर्जी आयकर अधिकारीयों ने महिलाओं से गोदरेज की चाभी ले ली. गोदरेज और घर में रखा 20 लाख रुपए और संजय की पत्नी के लाखों रुपए मूल्य के जेवरात कब्जे में ले लिया. 

फर्जी अधिकरियों ने कहा कि अब नकदी और जेवरात की जानकारी लेने के लिए वे लोग लखीसराय आयकर कार्यालय आएं. हालाँकि जब संजय ने संबंधित कार्यालय में पता किया तो उनके होश उड़ गये. वहां पता चला कि इस तरह की कोई छापेमारी नहीं की गई थी. संजय ने मामले की शिकायत कवैया थाने में की. 

लखीसराय के एसपी सुशील कुमार ने बताया कि मामले के अनुसन्धान के लिए डीएसपी रंजन कुमार के नेतृत्व में एक जाँच टीम गठित की गई. पुलिस जाँच में पता चला कि संजय के घर पर फर्जी आयकर अधिकारी बनकर लूटपाट मचाने का षड्यंत्र संजय के भाई ने रची थी. संजय का अपने चचेरे भाई कुश कुमार उर्फ़ छोटू से शेखपुरा स्थित एक जमीन और डीलरशिप को लेकर विवाद चल रहा था. संजय को सबक सिखाने के लिए छोटू ने तिहाड़ जेल से छूटकर आए मनजीत से सम्पर्क किया. नालंदा जिले का रहने वाला मंजीत छोटू के बड़े भाई का साला है.


एसपी ने कहा कि संजय का इस समय तीन बालू घाट चलता है. छोटू का अनुमान था कि संजय को तीन-चार करोड़ नकद आता है और लखीसराय आवास में करोड़ों की नकदी मिलेगी. मंजीत ने पटना के चंदन कुमार से सम्पर्क किया जो मैकेनिकल इंजीनियर की पढाई कर रही है. चंदन ने सुमीर कुमार, गुंजन चौबे, रौशन कुमार, विक्की कुमार, मनीष कुमार, रोहित कुमार, राजीव कुमार, अविनाश और सोनू से सम्पर्क कर संजय के घर में लूटपाट की योजना बनाई. 

अच्छी अंग्रेजी बोलने वाले चंदन के नेतृत्व में सभी एक स्कार्पियो में सवार हुआ. उनके साथ दो महिलाएं भी शामिल थी. जबकि कुछ लोग दोपहिया वाहन से घर के बाहर खड़े हुए. उन लोगों ने मेटल डिटेक्टर, वाकी-टोकी आदि के साथ घर में प्रवेश किया. फर्जी आयकर अधिकरी का पहचान पत्र दिखाकर उन्होंने आयकर छापेमारी की बात की. कुछ समय में ही उन्होंने लूट की घटना को अंजाम दे दिया. 

एसपी ने बताया कि इसके पूर्व इन लोगों ने संजय के मकान की रेकी भी की. गिरोह की महिलाओं ने कोरोना टीकाकरण करने के बहाने संजय के घर जाकर वहां की छानबीन कर रखी थी. घटना के बाद उन्होंने चन्दन  के आवास पर जाकर नकदी का बंटवारा कर लिया था. पुलिस को 5 लाख 70 हजार नकद के अलावा फर्जी पहचान पत्र, मोबाइल आदि मिला है. 


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