PATNA: पटना में पिछले साल हुए जलजमाव के बाद पानी-पानी हुई नीतीश सरकार इस बार समय से पहले से हीं तैयारी में जुटी है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना शहर एवं आसपास के नगरीय क्षेत्रों में जलजमाव से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री आवास में आज एक बार फिर से बैठक बुलाई गई थी. बैठक में मुख्यमंत्री ने कई निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि उच्च स्तरीय कमेटी की अनुशंसा के अनुरूप कार्य करें. कमिटी भी किए जा रहे कार्यों का लगातार अनुश्रवण करेगी .
सीएम नीतीश ने निर्देश दिया कि बादशाही नाला से जल निकासी की सुगमता सुनिश्चित की जाए. नाला के दोनों तरफ सघन वृक्षारोपण किया जाए. नाले की पक्का फेसिंग करते हुए विभागीय कार्यों के सुगम संचालन हेतु आवागमन की व्यवस्था की जाए. पटना के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों से गंदा पानी पुनपुन नदी के माध्यम से गंगा नदी में नहीं जाए इसे सुनिश्चित करें. गंगा नदी के पानी की शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाए .उनके लिए समुचित व्यवस्था की जाए.सीएम नीतीश ने नगर विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल निकासी की तात्कालिक व्यवस्था के साथ-साथ बढ़ती आबादी को देखते हुए अगले 40 सालों की आवश्यकता का आकलन करते हुए प्लान बनाएं.संप हाउस की क्षमता बढ़ाई जाए.
बता दें कि वर्ष 2019 में पटना में 3 दिनों की हुई भारी बारिश में पूरी राजधानी डूब गई थी। राजधानी पटना के 10 से अधिक मोहल्ले पूरी तरह से डूबे हुए थे। हजारों लोगों की आबादी 15 दिनों तक घरों में कैद रही थी। पटना की मुख्य सड़कों पर नाव का परिचालन हो रहा था।
पटना में भारी जलजमाव से नीतीश सरकार की भारी फजीहत हुई थी। इसके बाद आई वास के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी कार्रवाई करने की बात कही थी। पूरे मामले में जांच बिठाई गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद 2 आईएएस समेत कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई।