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ज्ञानवापी मस्जिद के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण, वाराणसी जिला जज में याचिका पर आएगा फैसला

ज्ञानवापी मस्जिद के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण, वाराणसी जिला जज में याचिका पर आएगा फैसला

VARANASI : पिछले कई दिनों से वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर लड़ाई चल रही  है। जिसमें24 मई यानी आज का दिन ज्ञानवापी केस में बहत निर्णायक साबित होने जा रहा जा रहा है। वाराणसी जिला जज की अदालत मंगलवार को फैसला सुनाएगी कि ज्ञानवापी मामले से जुड़ी किस याचिका पर पहले सुनवाई होगी। जिला जज का फैसला ज्ञानवापी केस की दिशा तय कर देगा। यानी हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष के दावों में कितना दम है कोर्ट इसे लेकर अपना फैसला सुनाएगी

इससे पहले ज्ञानवापी परिसर विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत में तकरीबन 45 मिनट तक दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दौरान कुल 23 लोग अदालत में गए। कार्यवाही शुरू होते ही अंजुमन इंतेजामिया ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में यह तय होना चाहिए कि राखी सिंह समेत पांच अन्य बनाम स्टेट ऑफ यूपी का वाद सुनवाई योग्य पोषणीय है या नहीं। कहा कि वाद दाखिल होने के बाद पोषणीयता पर चुनौती दी गई थी, लेकिन निचली अदालत ने इसको अनदेखा करते हुए सर्वे कमीशन का आदेश दे दिया। अब इसी बात का पहले निर्णय होना है कि विशेष उपासना स्थल अधिनियम 1991 लागू होता है या नहीं। 

वर्शिप एक्ट ज्ञानवापी मामले में प्रभावी नहीं

वादी पक्ष के अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि हमने कमीशन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की सीडी और तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए आवेदन दिया था। प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 ज्ञानवापी प्रकरण में प्रभावी नहीं होगा। इस बात को कोर्ट के सामने साक्ष्यों के साथ पेश करेंगे। विष्णु जैन ने बताया कि वह महिला वादिनियों और उनके पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य के साथ शृंगार गौरी-ज्ञानवापी प्रकरण में शामिल होंगे। दो दिन पूर्व ही जिला जज की अदालत में केस से जुड़ीं सभी फाइलें स्थानांतरित कर दी गई हैं। 

दरअसल, वादी पक्ष की तरफ से जिला जज की कोर्ट से यह मांग की गई कि सर्वे के दौरान संग्रहित किए गए साक्ष्यों को कोर्ट पहले देख ले फिर आगे किसी तरह की सुनवाई करें. वहीं प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष मुकदमे की पोषणीयता पर ही सुनवाई कराना चाहती थी. जिस पर कोर्ट ने कल की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला वाराणसी कोर्ट को ट्रांसफर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत को 8 सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.

ज्ञानवापी मस्जिद मसले पर क्या हैं मांगें

हिंदू पक्ष

  • शृंगार गौरी की रोजाना पूजा की मांग
  • वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग
  • नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने की मांग
  • शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे की मांग
  • वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग

मुस्लिम पक्ष

  • वजूखाने को सील करने का विरोध
  • 1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल


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