पटना- लोकआस्था का पर्व चैती छठ की शुरुआत नहाय खास के साथ 12 अप्रैल से शुरू हुआ. 13 अप्रैल को खरना था. आज यानी 14 अप्रैल को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंग. 15 अप्रैल को उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने के साथ हीं यह महापर्व समपन्न हो गाएगा. छठ के दौरान महिलाएं 36 घंटे का व्रत रखकर भगवान सूर्य की उपासना करती हैं.
अस्ताचलगामी सूर्य को अर्ग्य देने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ नदी घाटों पर लगेगी. इसको लेकर पटना प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. छठ व्रत संतान की लंबी उम्र, उसके स्वास्थ्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ रखा जाता है. यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए इस व्रत को रखा जाता है. इस दौरान व्रती चौबीस घंटो से अधिक समय तक निर्जल व्रत रखते हैं.
पटना में 41 गंगा घाटों और सात तालाबों में अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई ह.। घाटों पर बैरिकेडिंग, साफ-सफाई, सुरक्षा, चेजिंग रूम, रोशनी के इंतजाम किए गए हैं. 76 जगह पर 23 सेक्टर पदाधिकारियों के नेतृत्व में 132 मजिस्ट्रेट और पुलिस अफसरों के साथ दो हजार जवान तैनात रहेंगे.
रविवार दोपहर दो बजे से शाम सात बजे तक और सोमवार सुबह चार बजे से आठ बजे तक आशियाना मोड़ से दीघा की ओर, न्यू बायपास पर करमलीचक मोड़ से पटना सिटी की ओर, अशोक राजपथ पर दीदारगंज से कारगिल चौक तक व्यवसायिक वाहनों का परिचालन नहीं होगा.
सनातन धर्म में अस्त होते सूरेय की भी पूजा का विधान है. आज शाम सूर्यदेव के अस्ताचगामी होते हीं विभिन्न जलाशयों, तालाबों, चौपाटियों के किनारे जल में खड़े हो छठव्रती अर्घ्य देंगे.