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CM नीतीश से तीखा सवाल! मुख्यमंत्री जी...आपके स्कीम के चक्कर में हम फंस गये, ऐसी योजना निकालते हीं क्यों हैं ?

CM नीतीश से तीखा सवाल! मुख्यमंत्री जी...आपके स्कीम के चक्कर में हम फंस गये, ऐसी योजना निकालते हीं क्यों हैं ?

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच सालों बाद फिर से जनता दरबार की शुरूआत की। पहले दिन सीएम नीतीश ने करीब 200 शिकायतकर्ताओं की शिकायत सुनी और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। अत्यंत पिछड़ा वर्ग के एक छात्र ने तो सीएम नीतीश से साफ कहा कि आप ऐसा स्कीम निकालते क्यों हैं जिससे लोगों को परेशानी हो। आपके स्कीम के चक्कर में हम फंस गये । जाहिल रहते वो मंजूर था। 

नीतीश जी आपके चक्कर में हम फंस गये

दरअसल एक शख्स ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में शिकायत किया कि अत्यंत पिछड़ा छात्रवृति योजना के तहत 2012 में हमें तकनीकी पढ़ाई के लिए 100 परसेंट छात्रवृति योजना के तहत पहले साल में 75 हजार का लोन मिला। अचानक सरकार ने अगले साल के लिए ट्यूशन फीस को कम कर दिया गया।  इसके बाद हमने बैंक से लोन लिया और कॉलेज को पैसा दिया। जॉब नहीं मिलने की वजह से हम बैंक को पैसा नहीं लौटा रहे। पैसा नहीं लौटाने की वजह से बैंक परेशान कर रहा। शख्स ने सीएम नीतीश को सीधा कहा कि आप स्कीम नहीं निकालते तो हम नहीं न फंसते...हम जाहिल रहते,पैसा रहता तब न पढ़ते। बाकी भाई बहन आपके स्कीम के चक्कर में नहीं फंसे । इसके बाद सीएम नीतीश ने विभाग के अधिकारियों को फोन कर समस्या समाधान करने को कहा। 

जनता दरबार में चोरी 

 सीएम नीतीश के सामने एक महिला शिकायतकर्ता पहुंची। महिला ने सीएम नीतीश के सामने ही कहा कि मुख्यमंत्री जी आपके यहां हमारे गले से सोने का जीवतिया किसी ने  ले लिया। महिला गला दिखाने लगी । उसने दिखाया कि देखिए..गला में अभी भी मोती लगा हुआ है और सोने का जीवतिया ले लिया। मुख्यमंत्री ने पूछा कि कहां से ले लिया तो पीड़ित महिला ने साफ कही कि यहीं से। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत कहा कि देखवाइए इस मामले को। सीएम नीतीश के आदेश के बाद तुरंत डीएसपी और अधिकारी सिक्यूरिटी जांच स्थल पर गये। 

सीएम नीतीश के इलाके का शख्स शिकायत लेकर पहुंचा

 सीएम नीतीश के पैतृक गांव कल्याण बिगहा ओपी क्षेत्र का एक शख्स जमीन से जुड़े विवाद को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि हम आपके शिकायत लेकर पहुंचे हैं उधर जमीन माफिया जमीन पर कब्जा करने पहुंच गया है। सीएम नीतीश ने उनकी बात को समझा और पूछा कि आपका घर कहां है और जमीन कहां है। इस पर आवेदक ने कहा कि हम हरनौत के रहने वाले हैं और कल्याण बिगहा ओपी के बराह मौजा में जमीन है। लेकिन हमारी जमीन को कब्जा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने शिकायत सुनने के बाद आगे की कार्रवाई के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया। 

राघोपुर के एक शख्स ने अस्पताल को लेकर लगाई फरियाद  

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर से एक शख्स ने सीएम नीतीश के जनता दरबार में फरियादी लगाईष बिद्दुपुर से आये शख्स ने सीएम नीतीश ने कहा कि राघोपुर में दो प्रखंड हैं। साढ़े तीन लाख की आबादी है और सरकारी अस्पताल में बेड की संख्या महज 6 है। ऐसे में राघोपुर की जनता भगवान भरोसे है। हमलोगों ने सब जगह शिकायत की। स्थानीय विधायक से भी शिकायत की लेकिन अब तक स्वास्थ्य सुविधा में सुधार को लेकर कोई प्रयास नहीं किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपके इलाके का अस्पताल अपग्रेड नहीं हुआ है ? इशके बाद मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेज दिया.

जमीन है पर नहीं बन रहा स्कूल

गया के एक शख्स ने मुख्यमंत्री से शिकायत की। गया से आये शिकायतकर्ता ने कहा कि हमारे गांव में जमीन है लेकिन उस पर सरकारी स्कूल नहीं बन रहा। सरकारी स्कूल बनवाने के लिए हर जगह आवेदन दिया। जनता दरबार में भी शिकायत दर्ज कराई लेकिन स्कूल नहीं बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले क्यों नहीं शिकायत किये, इस पर शिकायतकर्ता ने कहा कि पहले के जनता दरबार में भी आवेदन दिये थे। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को फोन लगाककर कहा कि क्या वजह है जो अब तक स्कूल नहीं बना। हम लोगों ने 2007-08 में तो हजारों स्कूल बनवाये हैं। ऐसे में पूरे मामले का डिटेल जांच करवाइए। 

नाराज हुए मुख्यमंत्री

 आंगनबाड़ी सेविकाओं को तीन साल से मानदेय नहीं मिलने की शिकायत पर मुख्यमंत्री नाराज हो गये। लगे हाथ उन्होंने समाज कल्याण विभाग के मंत्री को फोन लगाया । मुख्यमंत्री ने कहा कि यह क्या चीज है भाई?  तीन-तीन सालों से मानदेय नहीं मिल रहा। 1-1 चीज को देखिए। क्लियरीफाई कीजिए। समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव के मौजूद नहीं रहने पर मंत्री से पूछा-आपके ACS कहां गये,वो आते हैं तो तुरंत बात कराईए। मुख्यमंत्री ने तल्ख तेवर में कहा कि यह क्या हो रहा? मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो हमने काफी अच्छा किया कि शिकायत सुनना शुरू किया। देखिए यह क्या हो रहा है ? समाज कल्याण विभाग में मानदेय नहीं मिलने की दो शिकायत आ गई।   

कागज पर चल रहा अस्पताल

सुपौल से आये एक शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री से कहा,कागज पर चल रहा अस्पताल। शिकायतकर्ता ने कहा कि कागज पर ही आउटडोर चल रहा है और इलाज किया जा रहा।  सीएम नीतीश इस शिकायत को सुनने के बाद भौचक्के हो गये। उन्होंने तुरंत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को फोन लगा दीजिए।मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मु. सचिव को कहा-प्रत्यय जी...सुपौल से एक शख्स आये हैं। सुपौळ के राघोपुर प्रखंड के राघोपुर पंचायत के हैं। ये कह रहे कि कागज पर ही स्वास्थ्य केंद्र चलाया जा रहा है। कागज पर ही आउटडोर भी चल रहा। इस मामले को देखिए। इसके बाद मुख्यमंत्री ने फोन रख दिया। इसके बाद सुपौल से आये शिकायतकर्ता को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के पास भेज दिया गया। 

डीजीपी को दिया निर्देश

एक महिला शिकायतकर्ता शांति देवी ने मुख्यमंत्री ने फरियाद लगाई कि दबंगों ने हमारे साथ मारपीट की। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर मुख्यमंत्री ने आश्चर्य जताया है और कहा-अच्छा कमाल है....। इसके बाद मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को तलब किया और कहा कि कमाल है...। दबंगों ने इनके साथ मारपीट की. 15 मई 2021 को केस हुआ लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को कहा कि इस मामले को देखिए। 

आवाज नहीं मिलने से परेशान दिखे मुख्यमंत्री

जनता दरबार में आवाज नहीं मिलने से सीएम नीतीश परेशान दिखे। वे कई बार अधिकारियों से कहा कि आवाज नहीं मिल रही है। इसका कोई उपाय कीजिए। आवाज नहीं मिलने से फरियादियों की बात नहीं सुन पा रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका तत्काल कोई उपाय कीजिए। इसके बाद अधिकारियों ने तत्काल वहां पर फोन रखा और फरियादी को उस फोन पर बोलने को कहा। 

किशनगंज से आये शख्स ने बैंक से कर्ज नहीं मिलने पर शिकायत की। शिकायतकर्ता ने कहा कि हमने एक बैंक अधिकारी को सीबीआई से पकड़वाया। इसके बाद उनका स्वीकृत ऋण नहीं मिल पा रहा। मुख्यमंत्री ने तत्काल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों से बात करने को कहा। वहीं पूर्णिया से आये एक फरियादी ने बिजली विभाग द्वारा हड़ताल करने पर नाईट गार्ड से हटाने की शिकायत की। इस पर भी मुख्यमंत्री ने बात करने को कहा। 


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