PATNA : गुरुवार को बिहार के 10 डीटीओ, 20 सिविल सर्जन, 8 आरडीडी और एक डाइरेक्टर का ट्रांसफर किया गया था। कुछ डीटीओ के तबादले सवालों के घेरे में हैं। तीन डीटीओ ऐसे हैं जिनका एक साल में ही ट्रांसफर कर दिया गया है।
विकास कुमार को एक साल में ही अरवल से हटा कर
पूर्णिया का डीटीओ बनाया गया है। इसी तरह एक साल के अंदर ही वीरेन्द्र प्रसाद को
शिवहर से दरभंगा भेजा गया है । जब कि पूर्णिया के डीटीओ मनोज कुमार शाही को हटा कर
मुख्यालय बुला लिया गया है। नियम के मुताबिक तीन साल के बाद ही किसी कर्मचारी का
तबादला किया जा सकता है।
इस तबादले पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने तीखा ट्वीट किया
है। तेजस्वी ने कहा है कि जून महीने में तबादला इंडस्ट्री में 200 करोड़ का अवैध
निवेश हो रहा है। ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए खुलेआम बोली लग रही है। सभी मंत्री जान
रहे हैं कि कब कुर्सी बाबू की अंतर्आत्मा पलटी मार जाए। तीन साल की अनिवार्यता
दरकिनार कर मासलेवल पर ट्रांसफर किया गया है।
तेजस्वी यादव ने सीधे सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने
ट्वीट में नीतीश कुमार की तुलना धृतराष्ट्र से की है जो सब कुछ जान कर भी अंजान
बना हुआ है। दूसरे ट्वीट में तेजस्वी ने भाजपा के मंत्रियों पर तबादला की दुकान
खोलने का आरोप लगाया है। तेजस्वी ने सवाल उठाया है कि जो अफसर बोली लगा कर
पोस्टिंग पाएगा क्या वह लूट नहीं मचाएगा।