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परिवहन व्यवसायियों की केन्द्र व राज्य सरकार से मांग, ऋण किस्त भुगतान में दे राहत

परिवहन व्यवसायियों की केन्द्र व राज्य सरकार से मांग, ऋण किस्त भुगतान में दे राहत

Ranchi : झारखंड के परिवहन व्यवसायियों ने केन्द्र व राज्य सरकार से परिवहन ऋण किस्त भुगतान में राहत दिये जाने की मांग की है। व्यवसायियों का कहना है कि उनका परिवहन व्यवसाय पहले से ही घाटे में चल रहा है, कोरोना काल के समय से परिवहन व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो गया है।

बाज़ार में माल लादने  के लिये पर्याप्त माल नही मिल पा रहा उसके ऊपर डीजल पेट्रोल के दाम में बृद्धि औऱ सरकार के रोज के रोज के नियम कानून इस व्यवसाय को बर्बाद कर रहे है। वर्तमान में व्यवसायिक वाहन के सामने विभिन्न कारणों से व्यवसाय करना मुश्किल होता जा रहा है।

व्यवसायियों का कहना है कि कोरोना काल मे वाहनों को माल लादने के लिए पर्याप्त माल नही मिल रहा है,कई दिनों तक माल लादने के लिये इंतज़ार करना होता है, समय पर वाहनों की ऋण की मासिक क़िस्त भुगतान नही कर पाने की स्थिति ऋणदाता कम्पनी वाहनों को रोक लेती है,।

ऋण की क़िस्त के भुगतान में यदि वाहन मालिकों को राहत नही दी गई तो वाहन मालिक अपने व्यवसाय को बन्द कर बेरोजगारी की स्थिति में आ जाएंगे, वाहन मालिक आत्महत्या कर रहे हैं, केंद्र, राज्य सरकार वाहन मालिकों को राहत न दे कर बल्कि  नये नियम कानून बना कर वाहन मालिकों को परेशान कर रही है। कल झारखंड राज्य के चास (बोकारो) में वाहन मालिक के आत्महत्या करने से परिवहन व्यवसायी दुःखी है। वाहन मालिक के आत्महत्या करने से परिवहन व्यवसायी शोक व्यक्त करते हैं।

आर जी टी ए, सरकार से मांग करता है कि कोरोना काल मे वाहनों से सम्बंधित  सभी   प्रकार  के टैक्स माफ़ किये जायें और फाइनेंस कम्पनियों की कार्यशैली में अंकुश लगाई जाए। यदि वाहन मालिक वर्तमान में ऋण चुकाने में असमर्थ हों तो उसे कुछ समय की मोहलत दी जाये, बलपूर्वक वाहनों को रास्ते मे रोंक कर वाहन मालिको को परेशान नही किया जाये,व्यवसाय की स्थिति सामान्य होने तक फाइनेंस कम्पनी वाहन मालिकों को परेशान करे, सरकार ऐसे दिशा निर्देश जारी करे। 

रांची से मो. मोईजुद्दीन की रिपोर्ट

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