DELHI : मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने का रास्ता साफ हो गया है। गुरुवार को तीन तलाक बिल लोकसभा में पास हो गया है। बिल के समर्थन में 238 सदस्यों ने वोट किया, 12 सदस्यों ने विरोध में वोट किया। इसके पहले कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इस बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट किया। सरकार ने कहा कि अब मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलेगा, वहीं कांग्रेस ने इसे समाज को बांटने वाला बिल बताया है।
कांग्रेस ने बताया समाज बांटने वाला बिल
लोकसभा में बहस के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि यह बिल समाज को बांटने का बिल है। समाज को जोड़ने के बजाय तोड़ने का बिल है। यह संविधान के खिलाफ हैं, मुस्लिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है।
मुस्लिम महिलाओं को मिलेगा न्याय
इससे पहले ट्रिपल तलाक बिल लोकसभा में पेश करते हुए केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। यह न किसी जमात के खिलाफ है, न आस्था के खिलाफ न किसी कम्युनिटी के खिलाफ। उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 से लेकर 10 दिसंबर तक देशभर में 177 ट्रिपल तलाक के मामले सामने आए। 20 इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध है। तो भारत जैसा एक धर्मनिरपेक्ष देश ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? इस बिल को राजनीति के नजरिए से नहीं देखा जाए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केन्द्र सरकार इस बिल को जल्द पास कराना चाहती है।