सुपौल। जिले के एक ऐसा प्रखंड है जो आप भी सुनेंगे तो हैरान हो जाएंगे जी हा यह प्रखंड त्रिवेणीगंज की है और 27 पंचायत की प्रखंड है ,एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत अभियान के जरिए खुले में शौच से मुक्ति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण करा रही है। वहीं खुद प्रखंड कार्यालय में एक भी शौचालय नहीं है, जिसके कारण वहां आने वाले लोगों को घोर कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कर्मियों को तो परेशानी होती ही है। वहीं सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को उठाना पड़ता है।
खुले में करते हैं शौच
अपने कार्यों के लिए कार्यालय आने वाले बाहर के लोगों को खुले में ही शौच करने को विवश रहना पड़ता है। इस कार्यालय के अधिकारी प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में जाते हैं और खुले में शौच से मुक्ति का संकल्प दिलाते हैं लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं है कि उनके दफ्तर में जो लोग आते हैं वे कहां शौच करते हैं। इस दिशा में न प्रखंड विकास पदाधिकारी देख पाते है, न प्रतिनिधि।
बता दें कि त्रिवेणीगंज 27 पंचायत की प्रखंड है, यहां अपने अपने कार्य के लिए 27 पंचायत के करीब हजारों महिला व पुरूष आते हैं, अब सवाल उठता है कि बीडीओ को इस दिशा में कभी सोचने का मोका नही मिला। प्रखंड के शौचालय नही रहने कारण आम लोगों मे चर्चा का विषय बना हुआ है।