बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

निबंधन विभाग का कछुआ चालः सरकार को 6 करोड़ का 'चूना' लगाने वाले जिला अवर निबंधक पर एक्शन कब...देरी के पीछे 'फाईल' डंप पर करने की साजिश तो नहीं ?

निबंधन विभाग का कछुआ चालः सरकार को 6 करोड़ का 'चूना' लगाने वाले जिला अवर निबंधक पर एक्शन कब...देरी के पीछे 'फाईल' डंप पर करने की साजिश तो नहीं ?

PATNA:  बिहार के मोतिहारी के जिला अवर निबंधक ने सरकार को 6 करोड़ के राजस्व का चूना लगाया। जिला अवर निबंधक की तमाम चालाकी धरी की धरी रह गई। न्यूज4नेशन ने इस बड़े मामले का खुलासा किया तो सिस्टम नंगा हो गया। हालांकि खुलासे के 4 महीना हो गये।अब तक दोषी अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। करोड़ों के सरकारी राजस्व के नुकसान में आरोपी जिला अवर निबंधक पर कार्रवाई को लेकर मोतिहारी डीएम ने जांच रिपोर्ट निबंधन विभाग को भेज दिया। डीएम की रिपोर्ट निबंधन विभाग भेजे हुए भी काफी समय बीत गया। लेकिन निबंधन विभाग ने रिपोर्ट के आधार पर आगे का कोई कदम नहीं उठाया है।   

जिला अवर निबंधक का हो चुका है स्थानांतरण 

पूरा मामला मोतिहारी का है जहां के जिला अवर निबंधक विनय कुमार प्रसाद ने सरकार को पांच करोड़ 94 लाख 332 रू राजस्व का नुकसान किया। मामले के खुलासे के बाद मोतिहारी के डीएम ने जांच बिठाई थी। जांच टीम ने पूरे मामले की जांच कर 12 अप्रैल 2021 को अपनी रिपोर्ट डीएम को सौंप दी थी। अपर समाहर्ता सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के नेतृत्व में बनी जांच टीम ने पाया कि तुरकौलिया की कई बीघा जमीन जो व्यवसायिक-आवासीय थी उसे दो फसला में निबंधन किया। इस वजह से सरकार को भारी राजस्व की क्षति हुई। जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि जमीन को दो फसला बताने से सरकार को 75 लाख 55 हजार 348 रू राजस्व की प्राप्ति हुई। जबकि आवासीय-व्यवसायिक भूमि के तहत निबंधन होता तो सरकार को 6 करोड़ 69 लाख 55 हजार 680 रू की प्राप्ति होती। ऐसे में जिला अवर निबंधक की लापरवाही से बिहार सरकार को 5 करोड़ 94 लाख 332 रू के राजस्व का नुकसान हुआ। 

मोतिहारी के अपर समाहर्ता ने 17 जून को जिला अवर निबंधक से शो-कॉज पूछा था। अपर समाहर्ता ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि तीन दिनों में बिंदूवार आरोपों के संबंध में जवाब दें.  डीएम के आदेश पर जो शो-कॉज पूछा गया उसमें कहा गया कि जांच प्रतिवेदन के अवलोकन से प्रतीत होता है कि आपके द्वारा आवासीय-व्यवसायिक भूमि का निबंधन दो फसला के रूप में किया गया है. जिसके कारण सरकार को राजस्व की क्षति हुई है. राजस्व वसूली में आपके द्वारा बरती गई अनियमितता को सही मानते हुए क्यों नहीं आप के विरुद्ध कानूनी एवं विभागीय कार्यवाही किए जाने का प्रस्ताव निबंधक महा निरीक्षक को रिपोर्ट किया जाए? पत्र प्राप्ति के 3 दिनों के अंदर अपना जवाब दें. आरोपी मोतिहारी के तत्कालीन जिला अवर निबंधक ने जो जवाब सौंपा उसमें सारा ठीकरा अपने दफ्तर के कर्मचारियों पर फोड़ा है।इतने बड़े मामले में अवर निबंधक ने अपना पल्ला झाड़ सारा दोष कर्मचारियों का बता दिया है। मोतिहारी जिला प्रशासन ने जांच रिपोर्ट और अवर निबंधक के शो-कॉज का जवाब निबंधन विभाग को पिछले महीने ही भेज दिया। अब निबंधन विभाग उस रिपोर्ट पर अपने स्तर से जांच कर रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे अधिकारियों पर कब कार्रवाई होती है। हालांकि इस मसले पर विभाग के अधिकारी बोलने से बच रहे हैं.


 

Suggested News