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टीईटी में फेल अभ्यर्थियों को पास कराने के मामले बोर्ड के 2 कर्मी व 3 शिक्षिकाएं गिरफ्तार

टीईटी में फेल अभ्यर्थियों को पास कराने के मामले बोर्ड के 2 कर्मी व 3 शिक्षिकाएं गिरफ्तार

PATNA : टीईटी पात्रता परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। इस मामले में बोर्ड के 2 कर्मचारियों और 3 शिक्षिकाओं को गिरफ्तार किया गया है। य़ह फर्जीवाड़ा टीईटी-2011 की पात्रता परीक्षा में हुआ है। तीन में दो गिरफ्तार शिक्षिकाएं बेगूसराय की हैं। इनके अलावा बिहार बोर्ड में अभिलेख प्रभारी जटाशंकर मिश्र तथा सहायक प्रोग्रामर अमितेश कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

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बिहार बोर्ड ने इस मामले में चार कर्मचारियों को प्रारंभिक तौर पर चिह्नित किया है, जिनमें से तीन का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है। तीन में से दो गिरफ्तार किए जा चुके हैं, पदचर रंजीत मिश्रा फरार है। इसके अलावा पूर्व प्रोग्रामर अरविंद कुमार की भूमिका की जांच की जा रही है। इस बात की जानकारी बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर और एसएसपी पटना मुन महाराज ने दी है। 

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बोर्ड अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि बीटीईटी-2011 में फेल अभ्यर्थियों को उत्तीर्णता का प्रमाण पत्र देने के साथ-साथ वेरिफिकेशन में भी क्लियर कर दिया जाता था। प्रारंभिक जांच में चार बोर्ड कर्मियों और 16 फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षक चिह्नित किए गए हैं। इनके खिलाफ 19 जुलाई को कोतवाली थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बिहार बोर्ड की ओर से निगरानी पदाधिकारी सूर्यनारायण सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। पटना पुलिस ने 12 घंटों में 19 आरोपितों में से पांच को गिरफ्तार कर लिया। 
निगरानी ने पकड़ा था मामला 
वहीं एसएसपी ने बताया कि बीटीईटी-2011 के फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर कई जिलों में अभ्यर्थी शिक्षक बने। इससे पहले निगरानी विभाग ने इसकी जांच कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। कई गिरफ्तार भी किए गए थे। बोर्ड कर्मियों की मिलीभगत से आरोपियों ने प्रमाणपत्र का फर्जी वेरिफिकेशन कराया और इसकी कॉपी कोर्ट में पेश कर बेल ले ली। अब ये मामला फिर से सामने आया है, जांच अभी प्रारंभिक स्थिति में है। इस मामले में आरोपियों की संख्या भविष्य में काफी बढ़ेगी। सभी जिलों से इस संबंध में संपर्क किया जा रहा है। 

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मनु महाराज ने कहा कि 19 जुलाई को कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज होने के 12 घंटे के अंदर पांच जिलों में छापेमारी की गई। सिटी एसपी नगर डी अमरकेश के नेतृत्व में एसआईटी ने पटना, बेगूसराय, सुपौल, गया, नालंदा में एक साथ छापेमारी की गई। एसएसपी ने बताया कि कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए हैं, जिसकी जांच की जा रही है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस तीन स्तर पर कार्रवाई कर रही है। पहला, फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र जारी और वेरिफिकेशन करने वाले बोर्ड के कर्मी हैं। दूसरे स्तर पर दलाल हैं, तथा तीसरे लाभार्थी हैं जो फर्जी तरीके से शिक्षक की नौकरी कर रहे हैं। पूछताछ में इसके सरगना का सुराग मिला है। पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। 

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