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CM नीतीश को RJD नेताओं के ऑफर वाले बयान से समझिए बिहार में 2021 के सियासत का रंग कैसा होगा ? पढ़िए पूरी खबर...

CM नीतीश को RJD नेताओं के ऑफर वाले बयान से समझिए बिहार में 2021 के सियासत का रंग कैसा होगा ? पढ़िए पूरी खबर...

डेस्क...  बिहार में 16 नवबंर को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। मुख्यमंत्री के अलावे 14 अन्य नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली थी। इनमें से भाजपा कोटे से 7, जेडीयू कोटे से 5, हम से 1और वीआईपी से एक मंत्री बनाए गए थे। नई सरकार के गठन के लगभग दो महीने होने को जा रहे हैं, लेकिन अब तक कैबिनेट का पूरा विस्तार नहीं हो सका है। इससे पहले हम आपको बता दें कि 10 नंवबर को बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही विपक्ष लगातार एनडीए सरकार पर हमलावर नजर आ रही है। खासतौर पर नीतीश कुमार को लेकर तो नेता प्रतिपक्ष और उनके दल के नेता लगातार उनकी रडार पर हैं।  महागठबंधन चुनाव परिणाम पर लगातार सवाल उठा रही है। 

हालाकि पूर्ण बहुमत मिलने के बाद एनडीए ने सरकार तो बना और नीतीश कुमार सीएम भी बन गए, लेकिन भाजपा ने जिस तरीके से चुनाव में अप्रत्याशी जीत हासिल की उसके बाद बिहार की सत्ता में नीतीश का कद कहीं न कहीं सीएम रहते हुए भी घट गया। इसका पहला उदाहरण दिखा सीएम नीतीश की शपथ में जब सीएम के अलावा दो-दो डिप्टी सीएम बनें। उनके साथ 14 मंत्रियों ने शपथ ली और कुछ दिन बाद ही कैबिनेट के विस्तार पर चर्चा भी हुई, लेकिन अब तक दो बार से अधिक डेट तय करने के बाद भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ। 

जब कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ तो लगभग 15 दिन पहले नीतीश ने एक बार भाजपा के विरोध में जाकर कह दिया कि अभी तक उन्होंने प्रस्ताव ही नहीं भेजा तो मैं क्या कर सकता हूं, फिर क्या था विपक्ष ने मुद्दा यहीं से उठा लिया। नीतीश के कैबिनेट विस्तार के बयान के बाद विपक्ष की ओर से राजनीतिक गलियारों में ये बयान आने लगा कि अब नीतीश का एनडीए में आत्मसम्मान नहीं बचा, जमीर नहीं बचा, उन्हें बार-बार अपमान किया जा रहा है और न जाने-जाने कैसे-कैसे बयान। विपक्ष के नेताओं से यह स्पष्ट होने लगा कि नीतीश को अब पाला बदलकर तेजस्वी को अपना आशीर्वाद देना चाहिए ताकि महागठबंधन की सरकार बन सके। 

इस बयान को हवा और मिली जब नीतीश ने अपने जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ये कह दिया कि मैंने तो कहा था कि बीजेपी चाहे तो अपना मुख्यमंत्री बना सकता है। उन्होंने ने कहा था कि मुख्यमंत्री के पद पर बने रहिए। मेरे अंदर पद की कोई लालसा नहीं है। हालाकि ये बयान शपथ से पहले भी नीतीश कुमार ने दिया था और उसी समय राजद के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा था कि नीतीश कुमार को अब पद का मोह त्याग कर राजद में आकर तेजस्वी को आशीर्वाद देना चाहिए। 

बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद से ही विपक्ष लगाताार हमलावर रूख अपनाए हुई है। सूबे में बढ़ते अपराध को लेकर विपक्ष आए दिन सीएम नीतीश कुमार को घेरने में जुटी है। विपक्ष के अलावा उनके अपने घटक दलों के नेता भी आए दिन प्रशासन की कुव्यवथा पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं।  वहीं मुख्यमंत्री की ओर से कैबिनेट विस्तार में भाजपा की दिलचस्पी नहीं होने का खुलासा किया,इसके बाद राजद ने सीएम नीतीश पर हमला तेज कर दिया है और लगातार अब ये बयान दिया जाने लगा है कि उन्हें तेजस्वी को अपना आशीर्वाद दे देना चाहिए। 

आइए जानते हैं कुछ ऐसे बयान, जो महागठबंधन में शामिल होने के लिए नीतीश को ऑफर के रूप में दिया गया। 

1. हाल ही में जदयू की समीक्षा बैठक में जिस तरह से नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया, उसको लेकर हसनपुर विधायक और नीतीश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे तेज प्रताप यादव के रूप में एक समर्थक मिल गया है। ट्विटर पर तेज प्रताप ने नीतीश को संबोधित करते हुए लिखा है कि 'दबी हुई “गर्दन” से कल सुनी एक आवाज़, थोड़ी “अंतरात्मा” की भी सुन लेते सरकार..!' इस ट्विट के माध्यम से तेज प्रताप यह कहना चाह रहे है कि वह भाजपा के दबाव से बाहर निकलें और खुलकर निर्णय लें। वहीं तेजप्रताप ने कहा कि जिस प्रकार जदयू की बैठक में नीतीश ने कहा था कि वह सीएम नहीं बनना चाहते थे, भाजपा अपना सीएम बना सकता है। पद का लालच नहीं है। नीतीश के इन्हीं बातों को आधार बताते हुए तेज प्रताप ने कहा है कि अब भी समय है वह राजद के साथ आएं और तेजस्वी को जिम्मेदारी सौंप कर सम्मान के साथ राजनीति से सन्यास लें। 

2. बिहार में लगातार जदयू और बीजेपी के बीच की तल्खी बढ़ती जा रही हैं। अरुणाचल प्रदेश में जिस तरीके से बीजेपी की तरफ से जदयू के विधायकों पर सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की गई। इस बीच आरजेडी के महुआ से विधायक मुकेश रोशन ने बयान देकर कहा है कि विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने लोजपा का इस्तेमाल कर नीतीश कुमार के पीठ में खंजर भोंका था।  अब विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी नीतीश कुमार को सामने से उनके सीने में खंजर मार रही है। ऐसे में नीतीश कुमार में अगर थोड़ी सी भी नैतिकता बाकी है तो नीतीश कुमार खुद को समझें  और तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बनाएं। उन्होंने कहा की तेजस्वी यादव के नेतृत्व नीतीश कुमार सरकार बनाना चाहिए।

3. राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 6 विधायकों को अपने पाले में कर लिया। यही हाल अब बिहार में होने वाली है। बीजेपी के 2 डिप्टी सीएम दिल्ली में जाकर प्रधानमंत्री,गृह मंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात किए हैं। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहीं मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बीजेपी अपना विस्तार न कर लें। राजद ने सलाह देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के लिए अब भी मौका है संभले, वरना बीजेपी यहां भी अरुणाचलप्रदेश वाला हाल करने वाली है।

4. नीतश कुमार जी महागठबंधन में आते हैं तो उनका स्वागत है। नीतीश कुमार जी को महागठबंधन में तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में काम करना होगा। नीतीश कुमार जी बिहार के विकास के लिए, किसानों के हित के लिए आएं और तेजस्वी यादव को टीका लगाकर नेतृत्व सौंप दें।  राजद नेता विजय प्रकाश ने कहा कि नीतीश जी का जमीर बचा है तो वो सत्ता का मोह छोड़ तेजस्वी यादव को तिलक लगाएं और उनके नेतृत्व में काम करें।     

5. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने  कहा कि नीतीश जी ने कैबिनेट विस्तार को लेकर लाचार दिख रहे हैं। इससे स्पष्ट हो गया है कि उन पर भाजपा ने शिकंजा कस दिया है। भाजपा ने दो-दो डिप्टी सीएम बनाया, उसी समय हमलोगों को लग गया था कि कुछ होने वाला है। अब नीतीश कुमार को बीजेपी ने अपने चंगुल में फंसा चुकी है, दोनों हाथ को पकड़ लिया है, अब एक भी हस्ताक्षर नहीं करने देगी। उन्होंने कहा कि अब किसी बी समय भाजपा यहां बड़ा खेल खेल सकती है। राजद भी सत्ता के बाउंडरी लाइन पर है। किसी भी समय मैदान में आ सकते हैं और तेजस्वी की सरकार बन सकती है। एनडीए की सरकार कभी भी गिर सकती है। 

6. इस बीच आरजेडी के वरिष्ठ नेता और मनेर विधायक भाई विरेन्द्र का बड़ा बयान आया है। भाई विरेंद्र ने सीएम नीतीश को घेरते हुए कहा कि क्राईम कंट्रोल में पूरी तरह से फेल कर गए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि  अधिकारियों की ट्रांसर्फर-पोस्टिंग में आरसीपी टैक्स से हो रही है।  भाई विरेंद्र यहीं नहीं रूके और उन्होंने बड़ी बात कहते हुए कहा कि सीएम नीतीश कुमार महागठबंधन में वापस आ जाएं तो उनके सारे पाप धूल जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो लोग लगातार तेजस्वी के गायब रहने पर सवाल उठा रहे हैं तो वो जान लें कि किसान के मुद्दे पर तेजस्वी दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे थे।  

7. अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के 6 विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने के बाद विरोधियों को बोलने का मौका मिल गया है। लोजपा ने भी नीतीश कुमार के नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं। लोजपा नेता और विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे रामेश्वर चौरसिया ने जेडीयू पर बड़ा अटैक किया है। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में जनता ने नीतीश कुमार की पार्टी को तीसरे दर्जे की पार्टी बना दी। जेडीयू में नेतृत्व का संकट खड़ा हो गया है, नेता या विधायक अपने आप को उस दल में सुरक्षित नहीं मान रहे हैं।

पटना से मदन कुमार की रिपोर्ट

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