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वर्दी वाले अपराधी! सुशासन राज में 'फिरौती' वसूल रहे 'थानेदार'? थाने में तीन दिनों तक छुपाकर रखा फिर वसूले 9.5 लाख रू, खुली पोल....

वर्दी वाले अपराधी! सुशासन राज में 'फिरौती' वसूल रहे 'थानेदार'? थाने में तीन दिनों तक छुपाकर रखा फिर वसूले 9.5 लाख रू, खुली पोल....

MOTIHARI: सुशासन राज में अपराधी नहीं बल्कि थानेदार ही रंगदारी वसूल रहे। वर्दी वाले गुंडे इलाके के पैसे वालों लोगों की पहचान कर पकड़ रहे,फिर फिरौती की वसूली की जा रही है। तब और अब में अंतर सिर्फ इतना है कि पहले बिना वर्दी वाले अपराधी फिरौती वसूलते थे अब वर्दी वाले अपराधी। अपराधी पहले अपने गुप्त ठिकानों पर छुपाते थे, अब थाने के किसी कमरे में ही बंद कर रखा जाता है। पहले अपराधियों के डर से लोग फिरौती देने के बाद भी मुंह बंद रखते थे, अब पुलिस वालों को फिरौती देने के बाद डर से मुंह बंद रखने में भलाई समझते हैं. बहुत कम ऐसे मामले हैं जिनका खुलासा हो पाता है। मोतिहारी में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ है जहां, एक थानेदार ने एक शख्स से 9.5 लाख की फिरौती वसूली है। मामले की जानकारी एसपी तक पहुंची है। इसके बाद जांच बिठाई गई है। एसपी ने कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर पुलिस अधिकारी दोषी पाये गये कार्रवाई होगी।  

थानेदार-जमादार और दलाल पर दर्ज हो केस 

मामला बिहार के पूर्वीचंपारण जिले की है। पचपकड़ी ओपी के थाना प्रभारी विक्रांत सिंह और जमादार बीडी सिंह पर 9.5 लाख रू फिरौती वसूलने के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित व्यक्ति ने पचपकड़ी के थाना प्रभारी विक्रांत सिंह जमादार बीडी सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर पुलिस अधीक्षक को आवेदन दिया है। थानेदार पर केस दर्ज करने वाले शिकायती पत्र में कहा गया है कि 10 जुलाई 2022 को हम अपने घर पर थे .इतने में पचपकड़ी ओपी के जमादार बीडी सिंह दल-बल के साथ पहुंचे। उन्होंने मेरा नाम पूछा और कहा कि आपको बड़ा बाबू बुलाए हैं. आप थाने चलिए. वह हमें हिरासत में लेकर थाने ले आए. पूरी रात मुझे थाने में रखा गया. फिर 11 तारीख की सुबह मुझसे बोला गया कि आप अपने पुत्र मो. हाशिम को फोन से यहां बुलाएं. जमादार ने भी मेरे पुत्र से बात किया और कहा कि थाने पर आइए कुछ पूछताछ करनी है. 1 घंटे के बाद मेरा पुत्र भी थाने पर आया. उसी समय पुत्र को भी कस्टडी में ले लिए.

पहले 15 लाख का किया डिमांड,9.5 लाख पर फाइनल 

थानेदार विक्रांत सिंह ने कहा कि मैनेज करो नहीं तो जेल भेज देंगे. इसके बाद खोरीपाकर के लाल बाबू सिंह(दलाल) के बारे में कहा गया कि वे इनसे बात कर लें. वे वहीं बैठे थे. फिर लाल बाबू से मेरे पास आए और कहा कि मैनेज करो नहीं तो जेल जाना पड़ेगा. लाल बाबू  सिंह ने 15 लाख रुपए मांगे. कहा कि इतना रुपया दोगे तो तुम्हें छोड़ दिया जाएगा. हमने पूछा मुझे किस जुर्म में जेल भेजा जाएगा. मैं इतने रुपए कहां से लाऊंगा. उसके बाद थाना प्रभारी तथा जमादार ने 9.5 लाख पर बात फाइनल किया. इन लोगों ने मेरे परिवार वालों से बात किया. इसके बाद मेरे भाई एवं पुत्र थाना पर पैसे लेकर आए. फिर थाना प्रभारी ने किराए के आवास में मुझे और मेरे पुत्र को बुलाया और 9.5 लाख की गिनती लालबाबू सिंह से कराई। उसने यह रुपया रख लिया. फिर थाने पर लाकर हम पिता-पुत्र को एक सादे कागज पर लिखवाया गया कि शंका के आधार पर पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया था. थाना प्रभारी ने यह भी हिदायत दी किसी को बताओगे तो जेल भेज देंगे. बताया जाता है कि थानेदार व दलाल पीड़ित को वरीय पदाधिकारियों का भी भय दिखाकर जल्द पैसे के भुगतान का दबाब बना रहे थे। बताया जाता है कि सिकरहना डीएसपी इस दौरान थाने पहुंचे तो इन पुलिसकर्मियों ने शख्स को दूसरे जगह छुपा दिया,ताकि उनकी नजर न पड़े। हालांकि अब थानेदार की कृत्य की पोल खुल गई है। थाने में बंद रखने की तस्वीर भी सामने आ गई है। 

मामले गंभीर होते देख एसपी ने जांच के दिये आदेश 

पीड़ित शख्स खोदादानी जो भंडार गांव के रहने वाले हैं वे कुछ दिनों तक डर से चुप रहे। लेकिन उनके अंदर आग धधक रहा था। मामला स्थानीय बीजेपी विधायक के संज्ञान में आया। इसके बाद विधायक पवन जायसवाल ने भी मोतिहारी के एसपी से बात की। मामला गंभीर होते देख एसपी ने मुख्यालय एएसपी को जांच का जिम्मा दिया है। जानकारी के अनुसार मुख्यालय एएसपी ने पचपकड़ी थाने जाकर मामले की जांच किया है। मोतिहारी एसपी कुमार आशीष ने कहा है कि मामला संज्ञान में है। जांच के आदेश दिये गये हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अगर जांच में दोषी पाये गये तो संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस भी दर्ज हो सकती है।  

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