NEW DELHI : केन्द्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने आज सुबह डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इसमें भारत और विदेशों से कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। मूल्य संवर्धित इस्पात (स्पेशियलिटी स्टील) पर उत्पादन युक्त प्रोत्साहन योजना (प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेन्टिव - पीएलआई) विषय पर यह संगोष्ठी दिन भर चली।
इस अवसर पर अपने उद्घाटन भाषण में सिंह ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने स्टील क्षेत्र के लिए इस योजना की अनुमति दी और आत्मनिर्भर भारत में योगदान के लिए स्टील सेक्टर को अवसर दिया। सिंह ने कहा कि इसी आत्मनिर्भर सोच के फलस्वरूप, यह हम सब भारतीयों के लिए गर्व का विषय है कि भारत ने 100 करोड़ टीकाकरण पूरे कर लिए हैं और भारत सम्पूर्ण विश्व के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। मंत्री ने स्टील तकनीक के क्षेत्र में अनुसंधान के महत्त्व पर बल दिया और इसे अतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बात कही।
उन्होंने स्टील सेक्टर में कोयले के उपयोग और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी के बीच समन्वय लाने पर जोर दिया और हाइड्रोजन मिशन का उदाहरण दिया। सिंह ने कहा कि सरकार खुले मन से सभी हितधारकों के विचार सुनने और अमल में लाने के लिए कटिबद्ध है। योजना का लक्ष्य है की आयात पर निर्भरता कम करना और इसके लिए सभी को मिल कर काम करना होगा। हमारे मानव संसाधन दुनिया में सर्वोत्तम है, हमें उच्च तकनीक का समावेश कर आगे बढ़ना है। इस्पात मंत्री ने इच्छुक निवेशकों को समय सीमा के अनुसार यथाशीघ्र काम करने के लिए आह्वान किया। स्टील उत्पादन, गुणवत्ता और निर्यात में वृद्धि के लिए योजना की संभावनाएं अपार हैं। सिंह ने योजना के माध्यम से चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए सबसे कहा और मंत्रालय की ओर से सब प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। संगोष्ठी में इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, इस्पात मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों और सार्वजनिक उपक्रमों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली से धीरज कुमार की रिपोर्ट