बिहार चुनाव में हो सकेंगी बड़ी रैलियां और सभाएं , जानिए स्कूल और सिनेमा हॉल खोलने के लिए क्या जारी किया गया है गाइडलाइन

patna : कोराना काल में लॉक हुए देश को अब अनलॉक किया जा रहा है. केन्द्र सरकार ने अब अनलॉक 5 को लेकर गाइनडलाइन जारी कर दिया है. अनलॉक 5 के गाइडलाइन के मुताबिक सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज 15 अक्टूबर से खुल जाएंगे. इसके साथ ही बड़े मैदान पर बड़ी रैलियां और सभाएं होंगी.

चुनाव में बड़े मैदानों में हो सकेगी बड़ी रैलियां
अनलॉक-5 के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए गृह मंत्रालय ने कहा कि कंटेनमेंट जोन के बाहर वाले क्षेत्रों में किसी भी सामाजिक, अकादमिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक या राजनीतिक गतिविधियों के आयोजनों के लिए 100 व्यक्तियों के साथ आयोजन की अनुमति पहले ही दी जा चुकी थी. अब राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को कंटेनमेंट जोन के बाहर 15 अक्टूबर के बाद से 100 व्यक्तियों से ज्यादा संख्या के साथ ऐसे आयोजनों की अनुमति दी जा रही है. इसके लिए निम्न शर्तों का पालन करना होगा.  

1-खुले स्थानों में मैदान या परिसर के आकार को ध्यान में रखते हुए सामाजिक दूरी, चेहरे पर मास्क, थर्मल स्कैनिंग और हैंडवाश और सैनिटाइजर की उपलब्धता के साथ कड़ी निगरानी के बीच आयोजन की अनुमति दी जा सकती है.

2- - बंद परिसरों में 100 व्यक्तियों के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है बशर्ते हॉल में उपस्थित लोगों की संख्या कुल क्षमता से 50 प्रतिशत से अधिक न हो, चेहरे पर मास्क पहनना और सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोने के लिए हैंड वॉश या सैनिटाइजर का प्रबंध अनिवार्य रूप से किया जाए. ऐसे आयोजनों में अधिकतम 200 व्यक्ति मौजूद रह सकते हैं. 

3- ऐसे आयोजनों से कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैले, ये सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा. राज्य और केंद्र शासित सरकारों को भीड़-भाड़ या सामाजिक आयोजनों के नियमन और नियंत्रण हेतु विस्तृत एसओपी जारी करनी होगी. बता दें कि अनलॉक-5 के दौरान कई त्योहार जैसे दशहरा, दुर्गा पूजा पड़ रहे हैं. इस वजह से सरकार खास सावधानी बरत रही है. 

15 अक्टूबर से खुल जाएंगे स्कूल
स्कूलों और कोचिंग संस्थानों को फिर से खोलने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 15 अक्टूबर 2020 के बाद क्रमबद्ध तरीके से एक निर्णय लेने के लिए छूट दी गई है. राज्यों/केंद्र शासित सरकारें स्कूल/संस्थान के प्रबंधन के साथ परामर्श करके निर्णय ले सकें

छात्र-छात्राएं सिर्फ अभिभावकों की लिखित सहमति से ही स्कूलों/संस्थानों में उपस्थित हो सकेंगे. उपस्थिति को जबरन लागू नहीं किया जाना चाहिए और ये पूरी तरह से माता-पिता की सहमति पर निर्भर होनी चाहिए इसके साथ ही जिन स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाएगी उन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा विभागों द्वारा जारी की जाने वाली एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा.