LUCKNOW : रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच आज यूपी में छठे चरण के लिए मतदान किया जाएगा। गुरुवार को 6वें चरण में पूर्वांचल के 10 जिलों की 57 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उनके 5 मंत्री, भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समेत 676 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसकी किस्मत का फैसला 2.15 करोड़ वोटर्स करेंगे। पिछली पांच चरणों के मुकाबले इस बार का चुनाव ज्यादा महत्वपूर्ण और चुनौतीवाला बताया जा रहा है।
योगी सहित कई दिग्गजों की साख दांव पर
इस चरण के चुनाव में सभी प्रमुख पार्टियों के सम्मान और प्रतिष्ठा की जंग है। जहां पहली बार विधानसभा के लिए खुद सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा का वह चेहरा हैं। योगी सरकार के जिन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर है उनमें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी, स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह, राज्यमंत्री श्रीराम चौहान और राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद हैं।
इसके अलावा भाजपा ने कुर्मी वोटों पर पकड़ रखने वाली अनुप्रिया पटेल के अपना दल (एस) और निषाद समुदाय के संजय निषाद के साथ गठबंधन किया है। वहीं, सपा ने ओमप्रकाश राजभर की सुभासपा, नोनिया समाज के संजय चौहान की जनवादी पार्टी और कुर्मी समाज से आने वाली कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी) से हाथ मिला रखा है।
अजय कुमार लल्लू-स्वामी प्रसाद मौर्य की किस्मत भी कल होगी EVM में कैद
छठे चरण में नेता प्रतिपक्ष और सपा के दिग्गज रामगोविंद चौधरी के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और बसपा विधानमंडल के नेता अध्यक्ष उमाशंकर सिंह की सीट पर भी इसी चरण में मतदान होना है. सभी की नजर फाजिलनगर पर भी टिकी है, क्योंकि योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार सपा से मैदान में उतरे हैं. इन सभी की परीक्षा होनी है.
बलिया की बांसडीह से सपा के राम गोविंद चौधरी लगातार दो बार से 2012 और 2017 से चुनाव जीतते आ रहे हैं. रामगोविंद की राह में रोड़ा अटकाने के लिए बीजेपी ने केतकी सिंह को उतार दिया है, जिन्होंने 2017 में बीजेपी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चौधरी को ऐसी टक्कर दी थी कि वह महज 1687 वोटों से ही जीत पाए थे. इस बार केतकी के साथ बीजेपी का मजबूत संगठन और मोदी-योगी का प्रभाव भी है.
भाजपा को लीड
जिन 57 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है। उनमें 2017 के चुनाव में भाजपा ने 46 जीती थीं। तब योगी सीएम पद का चेहरा नहीं थे? वे विधानसभा चुनाव भी नहीं लड़ रहे थे। इस बार स्थिति थोड़ी बेहतर नजर आ रही है। 18 साल बाद पहली बार कोई मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। गोरखपुर शहर सीट से योगी खुद मैदान में हैं। इससे पहले मुलायम सिंह ने सीएम रहते हुए चुनाव लड़ा था। सीएम के खुद चुनाव लड़ने का फायदा भाजपा को मिल सकता है।