बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

UPSC ने सरकार को भेजा प्रस्ताव, परीक्षा के लिये आवेदन को माना जाए एक प्रयास

UPSC ने सरकार को भेजा प्रस्ताव, परीक्षा के लिये आवेदन को माना जाए एक प्रयास

N4N Desk: यूपीएससी ने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि सिविल सेवा परीक्षा के लिये आवेदन को परीक्षा में बैठने के लिये एक प्रयास के तौर पर ही गिना जाना चाहिये. इसके पीछे का मकसद संसाधनों की बचत करना है. प्रस्ताव देने का कारण ये है कि नौ लाख से अधिक आवेदकों में से सिर्फ तकरीबन आधे उम्मीदवार परीक्षा में बैठते हैं.

अधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो इससे यूपीएससी के प्रयासों और संसाधनों की बचत करने में मदद मिलेगी. अधिकारी ने कहा, ‘अगर हमें तकरीबन नौ लाख आवेदन मिलते हैं तो हमें परीक्षा में नौ लाख उम्मीदवारों के बैठने के हिसाब से तैयारी करनी होती है. लेकिन उनमें से सिर्फ आधे परीक्षा में बैठते हैं. अगर इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया जाता है तो हम काफी धन, समय और प्रयासों की बचत करेंगे.’

सिविल सेवा परीक्षा सालाना तीन चरणों--प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार--में आयोजित की जाती है. इसके जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत अन्य सेवाओं के लिये अधिकारी चुने जाते हैं.

मौजूदा मानदंडों के अनुसार अगर कोई उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा के दो में से किसी एक प्रश्न पत्र में वास्तव में उपस्थित होता है तो उसका एक प्रयास गिन लिया जाता है.अगर कोई उम्मीदवार परीक्षा में बैठता है तो अयोग्य ठहराए जाने/उम्मीदवारी रद्द किये जाने के बावजूद उसका एक प्रयास गिना जाता है. उम्मीदवार की न्यूनतम आयु कम से कम 21 साल होनी चाहिये और वह 32 साल का होने तक छह प्रयास कर सकता है.अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के उम्मीदवार नौ बार परीक्षा में बैठ सकते हैं.

Suggested News