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नगर विकास विभाग ने बदल दिया 70 साल का इतिहास, प्रदेश के 36 हजार सफाईकर्मियों के साथ कर दिया ऐसा काम

नगर विकास विभाग ने बदल दिया 70 साल का इतिहास, प्रदेश के 36 हजार सफाईकर्मियों के साथ कर दिया ऐसा काम

PATNA : जो काम पिछले 70 साल में नहीं हुआ, वह काम नगर विकास विभाग ने एक झटके में कर दिया है। विभाग ने पटना नगर निगम के 7 हजार और राज्यभर के नगर निकायों में कार्यरत 36 हजार से भी अधिक नियमित एवं दैनिक कर्मियों के स्थानांतरण की सूचना निकाल दी है। इस ट्रांसफर ऑडर के लागू होते ही पटना नगर निगम समेत पूरे राज्य के निकायों में कार्यरत कर्मियों में हड़कंप मच गया है। 

यहां महत्वपूर्ण व गौर करने वाली बात यह है कि नगर विकास विभाग ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, आदर्श आचार संहिता के हवाले से इस ट्रांसफर निर्देश को जारी किया है। विभाग का यह निर्देश राज्यभर के नगर निकायों में भेजने के बाद खासकर सफाई कर्मियों में आक्रोश है। माना जा रहा है कि जिस तरह से पिछले दिनों नगर निकायों में 11 दिन तक हड़ताल किया गया, उसके बाद आगे ऐसा न हो, इसके लिए यह कार्रवाई की गई है। 

निकाय चुनाव को कर सकते हैं प्रभावित

ट्रांसफर को लेकर जारी पत्र में कहा गया है कि चूंकि नगर निकाय का चुनाव सभी वार्डों के स्तर पर भी कराया जाना है, ऐसे में शुचिता एवं निष्पक्षता के दृष्टिकोण से यह आवश्यक प्रतीत होता है कि नियमित व दैनिक कर्मी 3 वर्षों या उससे अधिक समय से एक वार्ड में पदस्थापित हैं, उनका ट्रांसफर अविलंब किसी अन्य वार्ड में करने की बात कही गई है। विभाग के परियोजना पदाधिकारी सह उप-निदेशक बुद्ध प्रकाश ने इस संबंध में प्रदेश के सभी निकायों को इसे अविलंब लागू करने कहा है।

फिर से हड़ताल पर जा सकते हैं सफाईकर्मी

वहीं इस ट्रांसफर ऑर्डर निकलने के बाद राज्यभर के दैनिक सफाई कर्मियों में आक्रोश है। बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा एवं बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ की संयुक्त बैठक में इस आदेश का विरोध किया है। मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह ने बताया कि हड़ताल के चलते बदले की भावना से नगर विकास विभाग कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहा है। बताया गया है कि इस बार हड़ताल पर जाने की पूरी जवाबदेही नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव की होगी।

सात दशक में कभी नहीं हुआ ऐसे

पटना सहित पूरे बिहार में नगर निकायों के चुनाव के दौरान कभी भी सफाई कर्मियों व दैनिक कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया गया है। 1952 से लेकर अब तक करीब 70 साल के इतिहास में सफाई कर्मियों को चुनाव के दौरान स्थानांतरण नहीं किया गया है। 

नगर निकायों की स्वायत्तता के लिए पिछले कई वर्षों से हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ने अधिवक्ता ने बताया कि नगर विकास विभाग पूरी तरह से मनमानी कर रहा है। किसी वार्ड में काम करने वाले सफाई कर्मियों से चुनाव कैसे प्रभावित हो सकता है।

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