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UTTAR PRADESH: रेलवे बोर्ड ने दी हरी झंडी, अब बनारस नाम से जाना जायेगा मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन

UTTAR PRADESH: रेलवे बोर्ड ने दी हरी झंडी, अब बनारस नाम से जाना जायेगा मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन

DESK: पूर्वोत्तर रेलवे, वाराणसी मंडल के अंतर्गत वाराणसी-प्रयागराज रेल खण्ड पर स्थित मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम मंडुवाडीह के स्थान पर बनारस करने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड से मिल गई है। इसी क्रम में बुधवार को मंडुवाडीह स्टेशन का नाम परिवर्तन करने की कार्यवाही की जा रही है। अब इस स्टेशन का नाम हिन्दी में बनारस तथा अंग्रेजी में BANARAS होगा तथा इस स्टेशन का कोड  BSBS होगा। इसके साथ ही काशी के विद्वत जन की मांग पर इस स्टेशन की नाम पट्टिका पर संस्कृत में भी इसका नाम (बनारसः) अंकित किया जा रहा है। ज्ञातव्य हो कि बुधवार रात 12 बजे (15 जुलाई,2021) से इस स्टेशन से जारी होने वाले टिकटों पर भी स्टेशन का नाम बनारस एवं स्टेशन कोड BSBS अंकित होकर जारी होगा। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यह नगर हिन्दू देवता शिव की नगरी रूप में भी विख्यात है और शिव की नगरी के पर्यायवाची शब्दों में बनारस भी क्षेत्रीय लोकाचार की भाषा में प्रसिद्ध है। विकास की परिकल्पनाओं को साकार करते हुए, मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन को पुनर्विकसित करते हुए इसके नया स्वरूप प्रदान किया गया है। यह विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन किसी हवाई अड्डे की तरह दिखता है। नव-पुनर्निर्मित रेलवे स्टेशन विश्व स्तर का है। यह किसी बड़े प्रतिष्ठित निगमित कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह दिखाई देता है। न केवल स्टेशन भवन मंडुआडीह रेलवे स्टेशन को अलग बनाता है, बल्कि इसके सभी विभिन्न यात्री-अनुकूल सुविधाएं भी हैं। 

नए रूपांतरित स्टेशन में अब एक विशाल प्रतिक्षालय क्षेत्र, विभिन्न श्रेणियों के प्रतीक्षालय, उच्च श्रेणी यात्री विश्रामालय, एस्केलेटर सीढियां, लिफ्ट्स, फूड प्लाजा, कैफेटेरिया, वीआईपी लाउन्ज, पार्किंग, सेल्फी पॉइंट, राष्ट्रीय ध्वज, धरोहर के रूप में छोटी लाइन का इंजन, विस्तृत ग्रीन और स्वच्छ सर्कुलेटिंग एरिया, आधुनिक बुकिंग/आरक्षण कार्यालय, फूड कोर्ट, सभी सुविधाओं से परिपूर्ण वेटिंग रूम और बहुत कुछ है। स्टेशन में एसी लाउंज, गैर-एसी रिटायरिंग रूम और डॉर्मिटरी भी हैं। स्टेशन परिसर की वास्तुकला काशी की आस्था को दर्शाती है। स्टेशन के परिवेश में फव्वारे और बैठने की जगह शामिल है। इस स्टेशन को उन्नत यात्री सुविधाओं के रख-रखाव के लिए आईएसओ सर्टिफिकेशन एवं साफ- सफाई एवं कुशल प्रबंधन के लिए 5 एस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त है।

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