लखनऊ: पूरे देश में हर रोज आफत का सबब बने कोरोना से बचने के लिए एक तरफ जहां लोग बचने का जतन कर रहे हैं वहीं कुछ ऐसे भी इंसान हैं जो पूरी निर्लज्जता से इस माहौल में भी अय्याशी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा देश जहां लोग ऑक्सीजन के सिलेंडर के लिए दर-दर घूम रहे हैं वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं जिन्हे इस आपदा में भी अय्याशी करने की सूझ रही है और विदेश से लाखों रुपये खर्च कर के कॉल गर्ल बुला रहे हैं। मामला तब भी नहीं खुलता लेकिन थाइलैंड से बुलायी गयी कॉलगर्ल कोरोना का शिकार बन के मर गयी और पूरा मामला सामने आ गया। अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
अय्याश पुत्र ने बुलाई कॉलगर्ल, खर्चे सात लाख रुपये
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के एक बड़े बिजनेस मैन के बेटे ने पूरे सात लाख रुपये खर्च कर के दस दिन पहले एक कॉलगर्ल को थाइलैंड से लखनऊ बुलवाया। यहां आने के बाद वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गयी और उसकी तबियत खराब होने लगी। पहले तो उसे पहले गोमतीनगर के डॉ. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया, जहां आम कोविड संक्रमितों को बेड नसीब नहीं हो रहा है। भर्ती कराने के बाद इलाज के दौरान उस कॉलगर्ल की मौत हो गयी तब व्यापारी पुत्र के पैरों तले जमीन खिसक गयी और उसने खुद ही थाइलैंड एंबेसी को संपर्क किया। पूरा मामला दो देशों के बीच का था तो खुल गया और जब पुलिस ने इसमें जांच शुरू की तो एक के बाद एक कई खुलासे भी होते गये।
जांच में यह भी सामने आया है कि थाइलैंड एंबेसी को व्यापारी पुत्र ने कॉल गर्ल की तबियत बिगडने पर खुद जानकारी दी थी। इसके बाद थाइलैंड एंबेसी ने भारत के विदेश मंत्रालय की मदद से उसे हॉस्पीटल में एडमिट कराया था। कॉल गर्ल की मौत के बाद उसके शव को सौंपे जाने की प्रक्रिया भी जटिल होती गयी। मौत के बाद पुलिस ने कॉलगर्ल के परिवार वालों को शव हैंडओवर करने की पहल की। इसके लिए पुलिस ने थाइलैंड एंबेसी से संपर्क भी किया लेकिन जब यह कार्य नहीं हो पाया तो पुलिस ने एजेंट सलमान की उपस्थिति में उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि कॉलगर्ल इसी एजेंट के माध्यम से भारत आयी थी। बहरहाल अब पुलिस इस घटना के बाद लखनऊ में इंटरनेशनल कॉल गर्ल रैकेट जैसे बिंदु पर भी जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि इस कॉलगर्ल के संपर्क में और कौन-कौन था। पुलिस राजस्थान के उस ट्रैवेल एजेंट को खोज रही है, जिसने इसे लखनऊ भेजा था।