PATNA : बिहटा स्थित अत्याधुनिक नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एनएसएमसीएच) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में पुराने घाव, जख्म व बेडसोर का सफल इलाज वैक्यूम ड्रेसिंग तकनीक से किया जा रहा है. इस तकनीक में त्वचा निर्माण स्कीन ग्राफ्ट और फ्लैप से किया जाता है.
क्या है वैक्यूम ड्रेसिंग
इस तकनीक में पहले घाव को पूरा साफ किया जाता है. फिर उसका क्षतशोधन होता है. फिर शरीर के किसी दूसरे अंग से फ्लैप निकाल कर लगाया जाता है. अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के असिस्टें प्रोफेसर डॉ. विवेक के अनुसार यह विधि कठिन जख्मों के समुचित इलाज में रामबाण की तरह काम करता है.
डॉ विवेक के अनुसार जब से इस तकनीक से उपचार शुरू किया है, तब से कई आठ-10 वर्ष पुराने कुष्ठ रोग, मधुमेह एवं अन्य संक्रमित जख्मों का सफल इलाज किया गया है. पहले के तकनीक में संक्रमित भाग को काट कर हटाना पड़ता था. लेकिन इस तकनीक में ऐसा नहीं करना पड़ता है और खर्च भी काफी कम आता है.
इस विधि से 95 वर्ष तक के व्योवृद्ध रोगी का भी सफल इलाज किया जा चुका है. इसी तरह लकवाग्रस्त महानंद कुमार (21 वर्ष) आठ माह से बिस्तर पर पडे़ थे. इस वजह उनके शरीर के पिछले हिस्से में घाव हो गया था.इसका सफल इलाज अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. विवेक कुमार ने वैक्यूम डे्रसिंग तकनीक से किया.