PATNA : वैशाली को जनतंत्र की जननी कहा जाता है। इसके साथ ही वैशाली के साथ कई अद्भुत संयोग जुड़ा हुआ है। वैशाली जहां भगवान महावीर की जन्मभूमि है तो महात्मा बुद्ध की कर्मभूमि भी है। वैशाली में इस बार लोकसभा चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। राजद उम्मीदवार रघुवंश प्रसाद सिंह को उनके स्वजातीय लोजपा के एनडीए उम्मीदवार वीणा देवी कड़ी टक्कर दे रही हैं। वीणा देवी जदयू के एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी हैं। वीणा देवी खुद मुजफ्फरपुर के गायघाट से विधायक रह चुकी हैं। खास बात यह है कि रघुवंश प्रसाद सिंह और वीणा देवी दोनों राजपूत समुदाय से आते हैं। वीणा देवी को जहां पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार की छवि पर भरोसा है तो दूसरी ओर रघुवंश प्रसाद सिंह को माई समीकरण पर।
रघुवंश से सवर्ण नाराज
वैशाली लोकसभा क्षेत्र में सवर्ण वोटर हमेशा निर्णायक रहे हैं। खासकर राजपूत और भूमिहार समुदाय की आबादी यहां काफी अधिक है। ये दोनों जाति के मत जिधर भी जाते हैं उसकी जीत सुनिश्चित हो जाती है। गरीब सवर्णों को 10 फिसदी आरक्षण देने के मोदी सरकार के फैसले का भी असर क्षेत्र में देखा जा रहा है। इसको लेकर सवर्ण मतदाता एनडीए उम्मीदवार वीणा देवी के पक्ष में लामबंद होते दिख रहे हैं। राजद ने सवर्ण आरक्षण का संसद से लेकर सड़क तक काफी विरोध किया था, इसका खामियाजा चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह को उठाना पड़ सकता है।
पारु बाजार के चाय दुकान पर मुकेश नाम के युवक से मुलाकात होती है। चुनाव के बारे में पूछने पर तपाक से मुकेश कहते हैं कि वैसे रघुवंश बाबू अच्छे आदमी हैं लेकिन वोट हमलोग नरेंद्र मोदी के नाम पर वीणा देवी को देंगे।
विरेंद्र सिंह भी कहते हैं कि हम ऐसी पार्टी को वोट क्यों दें जो हमारे लिए कुछ नहीं करती और जब मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ दिया तो राजद ने विरोध कर दिया। वे आगे बताते हैं कि वैशाली की जनता इस बात को अभी भूली नहीं है। चुनाव में इस बार इसका हिसाब होगा।
वैशाली प्रखंड कार्यालय के पास पान दुकान चलाने वाले संजीत भी कहते हैं कि वैसे तो अभी चुनाव प्रचार ठीक से शुरु भी नहीं हुआ है लेकिन पीएम मोदी और सीएम नीतीश के नाम पर इस बार भी लोग एनडीए उम्मीदवार को ही वोट करेंगे।