गया. मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के ठिकानों पर आज विशेष निगरानी इकाई ने छापेमारी की। कुलपति एवं अन्य पर जालसाजी एवं आय से अधिक संपत्ति जमा करने का केस दर्ज हुआ है।राजेन्द्र प्रसाद पर मगध विश्वविद्यालय के कुलपति रहने के दौरान नाजायज ढंग से उत्तर पुस्तिका, पुस्तक एवं गार्ड की प्रतिनियुक्ति बगैर किसी जरूरत और उपयोगिता के किया गया।
विशेष निगरानी इकाई ने बताया है कि कुलपति राजेन्द्र प्रसाद ने निविदा प्रक्रिया के विरुद्ध अपने चहेते आपूर्ति आपूर्तिकर्ताओं से इस मद में विगत 3 वर्षों में करीब ₹30 करोड़ की सरकारी राशि का दुरुपयोग किया है। इस संबंध में विशेष निगरानी इकाई ने कोर्ट से आदेश प्राप्त कर गया स्थित उनके निवास एवं गोरखपुर स्थित उनके निजी आवास पर धावा बोला। अभी तक तलाशी जारी है, लेकिन जो सूचना प्राप्त हुई है उसके अनुसार क्रय से संबंधित संचिका कार्यालय में ना होकर उनके निवास स्थान से जप्त किया गया जो कि अपने आप में संदेहास्पद है। गोरखपुर मकान में तलाशी के दौरान अभी तक लगभग ₹1 करोड़ की अचल संपत्ति एवं ₹500000 नगद बरामदगी हुई है।
तलाशी के दौरान यह भी पता चला है कि डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने तत्कालीन वित्तीय पदाधिकारियों पर गलत ढंग से भुगतान का दबाव डाला । जब उन लोगों ने इनकार किया तो अपने रसूख का प्रयोग कर विश्वविद्यालय सेवा से बाहर कर दिया। इसके बाद उन्होंने अपने चहेते पदाधिकारियों को विश्वविद्यालय में पदस्थापित कर उनसे मन मुताबिक भुगतान करवाया। तलाशी के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में मात्र 47 गार्ड कार्यरत मिले जबकि 86 गार्ड का भुगतान किया जा रहा है। साथ ही देय राशि की तुलना में बहुत कम राशि का भुगतान किया जाता है। इनकी मिलीभगत से राशि का हर महीने दुरुपयोग एवं गबन किया जा रहा। तलाशी के दौरान यह अभी सूचना मिली है कि जिन सामानों का क्रय किया गया है उससे संबंधित ना कोई मांग थी और ना ही खरीदने की जरूरत थी ।