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धान खरीदी की यह है असली सच्चाई! तारीख बढ़ाने से क्या होगा साहब, जब पैक्स से लेकर अधिकारी करेंगे इस तरह के बहाने

धान खरीदी की यह है असली सच्चाई! तारीख बढ़ाने से क्या होगा साहब, जब पैक्स से लेकर अधिकारी करेंगे इस तरह के बहाने

शेखपुरा। जिले के शेखुपुर प्रखंड के अंम्बारी पंचायत अंतर्गत सादिकपुर के दर्जनों ऐसे किसान हैं जिसका धान खलिहान में ही सड़ने को विवस है शादीपुर के किसान मनोज सिंह बबलू सिंह बबन सिंह शंभू सिंह अवधेश सिंह पंकज सिंह ऐसे दर्जनों किसान हैं जिनकी माने तो  पैक्स अध्यक्ष को चुनाव में  वोट नहीं दिए थे ऐसा पैक्स अध्यक्ष का मानना है। इसी चलते इनकी धान  नहीं खरीदा जाता है जिसको लेकर किसान प्रखंड के कृषि पदाधिकारी से संपर्क करने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बताया कि इसके बारे में बीसीओ से संपर्क कीजिए मेरे पास इस तरह का शिकायत आया था इसके बारे में सहकारिता पदाधिकारी से बात किया जाए जब प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी से इसके बारे में  बात किया गया तो प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी रीता कुमारी ने बताया कि ऐसी शिकायत तो किसान लेकर आए हैं लेकिन गोडाउन पर किसान धान लेकर नहीं आए हैं और हां यदि किसान धान लेकर आते हैं और धान में 17% से ज्यादा नमी रहती है तो उनके धान को वापस लौटाया जा सकता है और फिलहाल अंमारी पंचायत के पैक्स में धान खरीद की राशि नहीं उपलब्ध है वही इसको लेकर अंम्बारी पंचायत पैक्स अध्यक्ष कुंदन कुमार से संपर्क करने पर कुंदन कुमार ने बताया कि जिस किसान का रजिस्ट्रेशन नहीं है उसका धान का उठाव नहीं हुआ है 

इसकी  रजिस्ट्रेशन की जानकारी लेने अंबारी पंचायत के किसान सलाहकार  चंदन कुमार ने बतलाया कि हमने तो किसान का रजिस्ट्रेशन कर दिया है धान खरीद का काम तो पैक्स अध्यक्ष का है यह सब पूछने और जाने के बाद किसान का बाद सत्य साबित हो रहा था कि किसान राजनीति के चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं और पैक्स अध्यक्ष  किसान  वोट नहीं दिया है तो उनका धान का जानबूझकर खरीदारी नहीं किया जा रहा है।

 इस को लेकर किसान मनोज सिंह डब्लू सिंह पवन सिंह शंभू सिंह अवधेश सिंह पंकज सिंह एवं अन्य किसान ने बताया कि जानबूझकर हम लोग का धान खलिहान में ही बरबाद करने विवश किया जा रहा हैं और यहां वहां पर अध्यक्ष का कहना है कि वोट  नहीं दिया है तो उसका धान नहीं लेंगे और किसान लोग करते हैं कि उनके ध्यान नहीं खरीद पर प्रशनिक पदाधिकारी भी जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं और बिचौलियों से धान खरीद कर पैक्स अध्यक्ष मालामाल हो रहे हैं और किसान बेबस और लाचार बना हुआ है


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