PATNA: सरकारी आवास से हटने के दौरान माननीय या अधिकारियों-कर्मियों द्वारा सरकारी संपत्ति की क्षति करने की बात सामने आती है। कई दफे यह शिकायत आती है कि सरकारी आवास में रहने वाले लोग भवन छोड़ते समय आवास का नुकसान पहुंचाते हैं. अब सरकार ने निर्णय लिया है कि आवास छोड़ने से पूर्व वीडियोग्राफी कराना होगा। इसके बाद ही कार्यपालक अभियंता एनओसी जारी करेंगे।
भवन निर्माण विभाग का आदेश
भवन निर्माण विभाग सरकारी ने आवास के रखरखाव के संबंध में कई कई तरह के नए गाईडलाईन दिये हैं. भवन निर्माण विभाग की हुई बैठक में यह तय हुआ है कि प्रत्येक अप्रैल माह में सभी सरकारी आवासों का सर्वे किया जाएगा.आवासी को आवास छोड़ने से पूर्व उसका वीडियो ग्राफी कराना होगा. उसके बाद ही संबंधित कार्यपालक अभियंता द्वारा आवासी को अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा. इसके साथ ही जैसे ही आवास खाली हो संबंधित कार्यपालक अभियंता उस आवास को फिर से रहने लायक बना कर तैयार रखेंगे ताकि नए व्यक्ति को आवास आवंटित किया जा सके. किसी भी आवास के आवंटन के बाद 1 माह से ज्यादा समय लगने पर अतिरिक्त अवधि का किराया संबंधित कार्यपालक अभियंता से वसूला जाएगा .
20 संवेदकों की सूची तैयार करने को कहा गया
भवन निर्माण विभाग ने यह निर्णय लिया है कि अप्रैल महीने में प्रत्येक कार्यपालक अभियंता को नियमानुसार 20 संवेदक की सूची तैयार करनी है. ताकि इमरजेंसी नेचर के काम प्राथमिकता के आधार पर दिया जा सके. किसी भी परिस्थिति में स्थानीय प्रचार प्रसार कर कोई भी निविदा नहीं किया जाना है. सभी मुख्य अभियंता इसका सख्ती से पालन करेंगे. बैठक में यह भी तय हुआ था कि मंत्री एवं विधान सभा के सदस्यों को जो आवास आवंटित हुए हैं उसकी मरम्मत ही किसी भी स्थिति में 15 अप्रैल तक कर लेना है.दरअसल भवन निर्माण विभाग के सचिव ने 5 अप्रैल 2021 को बैठक की थी। मीटिंग में विभाग के सचिव ने कई निर्देश दिए थे. बैठक में यह भी तय हुआ कि सिग्नेचर बिल्डिंग तथा भवन निर्माण विभाग द्वारा निर्मित 50 करोड़ से अधिक लागत के भवनों का हाउसकीपिंग और मेंटेनेंस काम भवन निर्माण विभाग द्वारा कराए जाने का प्रस्ताव है. इसके लिए मंत्रिमंडल से अनुमोदन जरूरी है.