AURANGABAD : माँ सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है। ख़ासकर स्कूल और कॉलेज में पढनेवाले छात्र सरस्वती पूजा के अवसर पर अपने विद्यालयों के अलावा मुहल्ले के चौक चौराहे पर प्रतिमा रख कर पूरे उल्लास के साथ पूजा अर्चना करते हैं। छात्रों में इस पूजा को लेकर खासा उल्लास भी होता है। विद्या के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में सरस्वती पूजा का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है।
लेकिन औरंगाबाद जिले में एक ऐसा भी स्कूल है, जहां सरस्वती पूजा के अवसर पर पूजा अर्चना तो दूर स्कूल का ताला खोलना भी शिक्षकों ने मुनासिब नही समझा। मामला बारुण प्रखंड के मौआर खैरा गांव में स्थित राजकीय मध्य विद्यालय की है।
सरस्वती पूजा के दिन स्कूल में पढ़ने वाले छात्र सुबह से शिक्षकों का आने का इंतजार करते रहे। सुबह से शाम और शाम से रात हो गयी। लेकिन स्कूल के कोई भी शिक्षक नहीं आये। शिक्षकों का इन्तजार करते करते छात्रों का सब्र जवाब दे गया। इसके बाद छात्रों ने स्कूल परिसर में प्रबंधन के खिलाफ न सिर्फ नारेबाजी की। बल्कि उनपर कार्रवाई की मांग भी किया है।
औरंगाबाद से दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट