PATNA : हालिया चुनाव नतीजों में NOTA को मिले मतों ने सबको चौंकाया है। कई जगहों पर तो उम्मीदवारों के बीच जीत-हार के अंतर वाले वोटों से ज्यादा मत NOTA को मिले हैं। NOTA के विकल्प को लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने चुनाव आयोग से इसे खत्म करने की मांग कि है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में विजय कुमार चौधरी ने NOTA को अप्रासंगिक बताते हुए इसे खत्म करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि नोटा के विकल्प को समाप्त करने के लिए निर्वाचन आयोग को पहल करनी चाहिए। आयोग को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में NOTA के विकल्प से जुड़ी नकारात्मक बातों लाना होगा। सारी चीजों को लाने के लिए आयोग को आगे आना होगा। विजय कुमार चौधरी ने लिखा है कि अगर चुनाव में मतदाता उम्मीदवारों को चुनने के बजाय खारिज करेंगे तो प्रजातांत्रिक व्यवस्था का क्या होगा?
विधानसभा अध्यक्ष के मुताबिक चुनाव एक सकारात्मक प्रक्रिया है जबकि NOTA एक नकारात्मक अवधारणा। प्रजातांत्रिक व्यवस्था में लोगों को नकारात्मकता की तरफ ले जाना सही नहीं वरना पूरी व्यवस्था के निष्प्रभावी हो जाने का खतरा बढ़ जाएगा। विजय कुमार चौधरी मानते हैं कि अप्रत्यक्ष चुनाव में NOTA का विकल्प खत्म कर दिया गया विकल्प को खत्म कर दिया है जिसके बाद राज्यसभा और विधानपरिषद के चुनाव में मतदाताओं को NOTA का प्रयोग करने को नहीं मिलेगा। देश मे NOTA को लागू हुए 6 साल हो चुके हैं और अब वक्त किसी नतीजे पर पहुंचने का है।