न्यूज4नेशन डेस्क- भारत के सबसे बड़े फ्रॉड की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. शराब कारोबारी विजय माल्या देश का सबसे बड़ा आर्थिक अपराधी बन गया है. प्रवर्तन निदेशालय लागातार भगोड़े माल्या की नकेल कसने की तैयारी में लगा हुआ है. सोमवार को सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 6,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण से संबंधित धनशोधन के एक मामले में माल्या और दो कंपनियों के खिलाफ नया आरोपपत्र दाखिल किया है.
ईडी ने माल्या के खिलाफ आरोप पत्र भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश के तहत दाखिल किया है.माल्या पहले शख्स है जिसके खिलाफ इस अध्यादेश के तहत आरोप तय हुए हैं. पीएमएलए अदालत अब विजय माल्या को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर देगी. ईडी अब उसकी कंपनियों किंगफिशर एयरलाइंस और यूबीएचएल की नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को तत्काल जब्त करने की इजाजत मांगेगी.मालूम हो कि अब तक प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 9,890 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुकी है.नया आरोपपत्र भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस शिकायत पर आधारित है जो उसने माल्या और उसकी कंपनियों द्वारा 2005-10 से दौरान बैंकों के समूह से लिए गए 6,027 करोड़ के कर्ज का भुगतान नहीं किया. मालूम हो कि विजय माल्या लंदन में भारतीय बैंकों की ओर से दायर किए गए करीब 10 हजार करोड़ रुपये का मुकदमा हार चुका है. मई महीने में विजय माल्या के खिलाफ फैसला सुनाते हुए लंदन कोर्ट ने कहा था कि IDBI बैंक समेत सभी लोन देने वाले बैंक भारतीय न्यायालय के आदेश को लागू करा सकते हैं, जिसमें विजय माल्या पर आरोप है कि उसने जानबूझकर अब बंद पड़ी अपनी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए करीब 1.4 अरब डॉलर का कर्ज लिया था.मालूम हो कि माल्या को वापस लाने के लिए भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है. माल्या के खिलाफ सिर्फ ब्रिटेन में ही नहीं, बल्कि भारत में भी कई मुकदमे चल रहे हैं. हाल ही में उसको एक मामले में गिरफ्तार भी किया गया था, लेकिन बाद में छोड़ दिया गया था.