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देश के इस गांव में विजय दशमी के दिन होता है मातम, जानिए क्यों....

देश के इस गांव में विजय दशमी के दिन होता है मातम, जानिए क्यों....

NEWS4NATION DESK :दशहरा पर आज जहां पूरे देश में रावण के पुतले जलाए जाएंगे, वहीं देश में एक ऐसा गांव है जहां कोई जश्न नहीं होगा। यहां लोग विजय दशमी के दिन जश्न की जगह मातम में डूबे है। देश का यह गांव है उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले का बिसरख का। दरअसल यूपी के इस जिले के नोएडा के करीब इस बिसरख गांव के लोगो का मानना है कि रावण का जन्म इसी गांव में हुआ था।  

पिछले कुछ दिनों में इस गांव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। अब इसे रावण के गांव के नाम से जाना जाता है। हालांकि ऐसा बीते एक दशक में ही हुआ है। पहले इस गांव तक पहुंचना काफी कठिन था। आसपास आबादी नाम के बराबर थी और घना अधिक था। लेकिन अब चारों तरफ आबादी है।

माना जाता है कि रावण के पिता महर्षि विश्रवा का आश्रम यहीं था। ये इलाका घने जंगल का था लिहाजा उन्होंने तपस्या के लिए इसी इलाके को चुना था। गांव में एक शिव मंदिर भी है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापता खुद महर्षि विश्रवा ने की थी। यहां गांव के लोग रावण को रावण बाबा कह कर संबोधित करते हैं। कुछ वक्त पहले गांव के कुछ लोगों ने यहां रावण प्रतिमा स्थापित करनी चाही थी लेकिन विवाद हो गया था। इस गांव में ना तो दशहरा मनाया जाता है और ना ही रावण का पुतला जलाया जाता है।


बिसरख में रामलीला भी नहीं होती। बताते हैं कि एक-दो बार ऐसी कोशिश की गई थी लेकिन गांव में किसी का किसी की मौत हो गई। कुछ पुराने लोगों का दावा है कि 90 के दशक में यहां खुदाई भी कराई गई थी जिसमें एक प्राचीन शिव प्रतिमा व अन्य कुछ सामान निकला था।

नोएडा का विकास होने के बाद से लोग यहां पहुंचने लगे हैं। अब रामायण सर्किट में इस गांव को भी शामिल कर लिया गया है। 


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