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शेखपुरा में ग्रामीणों ने डीएम से लगाई गुहार, कहा एक बार आकर देख लीजिये, आंगनबाड़ी केंद्र में बांधी जाती है गाय भैंस

शेखपुरा में ग्रामीणों ने डीएम से लगाई गुहार, कहा एक बार आकर देख लीजिये, आंगनबाड़ी केंद्र में बांधी जाती है गाय भैंस

SHEKHPURA : जिले में इन दिनों डीएम सावन कुमार से लोगों की अपेक्षा बढ़ गई है। डीएम सावन कुमार की कार्यशैली ऐसी है कि लोगों को अब भरोषा हो गया है कि जिले में अब कुछ बुरा नहीं हो सकता है। ऐसे में चेवाड़ा प्रखंड के छठिआरा पंचायत के महेशपुर गांव की यह तस्वीर काफी चिढ़ाने वाली है। 


छठियारा पंचायत के महेशपुर गांव में 5 लाख रुपये की लागत से पंचायत समिति फंड से 8 वर्ष पहले ही आंगनबाड़ी केन्द्र का निर्माण किया गया था। तब आंगनबाड़ी केन्द्र के संचालक को लगा था की अब बच्चों को पढ़ाने के लिए अपना भवन मिल जाएगा। जर्जर सरकारी स्कूल में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं चलाना पड़ेगा। लेकिन 8 साल बीत जाने के बावजूद आंगनवाड़ी केंद्र का पूरा निर्माण नहीं हो सका। जिसके कारण आज भी महेशपुर गांव का केंद्र संख्या 61 जर्जर भवन में ही चलाया जा रहा है। पंचायत समिति फंड से 5 लाख की लागत से निर्माण किए गए आंगनबाड़ी केंद्र इन दिनों मवेशियों का तबेला बन गया है। आंगनबाड़ी केंद्र पूर्ण नहीं होने के कारण गांव के दबंग लोग इस आंगनबाड़ी केंद्र में पशुओं का चारा रखते हैं और पशुओं को बांधते हैं। जिसके कारण राज्य सरकार द्वारा पंचायत समिति की योजना से ₹500000 की राशि खर्च कर भवन निर्माण के कार्य बेकार साबित हो रही है। 

बता दे कि आंगनबाड़ी का अपना भवन के लिये पंचायत समिति योजना से भवन निर्माण की स्वीकृति मिली थी। लेकिन भवन निर्माण बिना पूरा किये ही योजना की राशि का बन्दरबांट कर लिया गया है। निर्माणाधीन भवन में ना तो किबाड़ है ना खिड़की। लेकिन पूरा राशि निकासी कर लिया गया।  इसकी सुध लेना आज तक अधिकारी द्वारा कभी पहल नहीं किया गया। इस सबंध में बीडीओ मून आरीफ रहमान ने बताया की इसकी जाँच की जाएगी और बिना निर्माण किये राशि निकासी का मामला आने पर सबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। हालांकि इस मामले में नाम ना लिखने की शर्त पर गांव के ही रहनेवाले एक व्यक्ति ने कहा कि क्या कहें हमारे गांव में कुछ ज्यादा ही घपला हो रहा है। एक बार डीएम साहब चले जाते तो सारा खेल देख लेते। 

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