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मुसीबतें झेल परिवार के साथ प्रवासी श्रमिक पहुंचा गांव, ग्रामीणों ने गांव से बाहर बगीचे में रहने का सुना दिया फरमान

मुसीबतें झेल परिवार के साथ प्रवासी श्रमिक पहुंचा गांव, ग्रामीणों ने गांव से बाहर बगीचे में रहने का सुना दिया फरमान

News4nation desk : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखा है। वहीं इस वायरस से बचाव के लिए किये लॉकडाउन ने गरीब, मजदूरों पर दोहरी मार दी है। रोज-रोटी के लिए अपना घर-बार छोड़कर दूसरे प्रदेश में गये मजदूर मुसीबतें उठाकर अपने घर वापस लौट रहे है, लेकिन अपने गांव-घर वापस लौटने के बाद भी उनकी मुसीबतें कम नहीं हो रही। गांव के अपने ही लोग उनसे दूरी बना रहे है और उनके अपने घर में रहने नहीं दे रहे। 

एक ऐसा ही मामला झारखंड के अति नक्सल प्रभावित जिलों में शुमार चतरा जिला के लावालोंग प्रखंड के टिकुलिया गांव से सामने आया है। दरअसल इस गांव का निवासी अनिल गंझू रोजी-रोटी कमाने के लिए परदेश गया था। लॉकडाउन की वजह से काम धंधा बंद होने के बाद अनिल अपने परिवार के साथ घर पहुंचा तो गांव के लोगों ने उसे अपने छत के नीचे नहीं रहने दिया बल्कि पेड़ के नीचे  रहने का फरमान जारी कर दिया।

ग्रामीणों के फरमान से विवश अनिल गंझू का पूरा परिवार एक पेड़ के नीचे पिछले कुछ दिनों से रह रहा है। हालांकि इस बात की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है और प्रशासन के की टीम आज घटनास्थल पर पहुंच रही है। 

बताया जा रहा है कि प्रशासन की टीम परिवार को सुरक्षित स्थान पर रहने की व्यवस्था करेगी। इस पूरे प्रकरण में सबसे अहम बात यह है कि बड़ी मुसीबतों के सामना करने के बाद ये गरीब श्रमिक इस आस के साथ अपने गांव घर पहुंच रहे है कि कम से कम वे अपने घर में किसी तरह से गुजारा कर लेगें। लेकिन जब उन्हें अपने गांव घर में भी ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ेगा तो वह आखिर कहां जायेंगे।  सरकार को ठोस निर्णय एवं मानव कल्याण के लिए कार्य करने की जरूरत है। ताकि गरीब परिवार को शुकुन से जीने का हक मिले।

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