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विशेश्वर ओझा हत्याकांड के मुख्य गवाह की आखिर क्यों हुई हत्या ? कमल का फेसबुक अकाउंट बहुत कुछ कहता है... पढ़िए खास रिपोर्ट

विशेश्वर ओझा हत्याकांड के मुख्य गवाह की आखिर क्यों हुई हत्या ? कमल का फेसबुक अकाउंट बहुत कुछ कहता है... पढ़िए खास रिपोर्ट

आरा- बिहार बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड के मुख्य गवाह की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी.कमल किशोर मिश्र इस हाई प्रोफाइल मर्डर के मुख्य गवाह थे. कमल किशोर की हत्या को सीधे तौर पर ओझा हत्याकांड से जोड़कर देखा जा रहा है. विशेश्वर

ओझा ने कम वक्त में बीजेपी के अंदर अपना कद बड़ा कर लिया था. वो एक बार शाहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुके थे. हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इससे पहले उनके छोटे भाई की पत्नी मुन्नी देवी ने दो बार 2005 और 2010 में शाहपुर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की थी.

  हत्या से पहले सोशल मीडिया पर बयां किया था दर्द

बताया जाता है कि कमल किशोर मिश्र विशेश्वर ओझा हत्याकांड में मुख्य गवाह होने की वजह से अत्यधिक दबाव में थे. दो महीने पहले ही कमल किशोर के घर पर भोजपुर पुलिस ने छापेमारी की थी.कमल किशोर के नजदीकी बताते हैं एके-47 घर में रखने की बात को लेकर पुलिस ने छापेमारी की थी. लेकिन इस छापेमारी में पुलिस को कुछ हाथ नहीं लगा. पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर कमल किशोर ने सोशल मीडिया पर अपना दर्ज बयां किया था. कमल किशोर ने लिखा था कि पुलिस आम जनता और अपराधियों में अंतर नहीं समझ पा रही है.
 
 विश्शेवर हत्याकांड में गवाही से हटने की मिल रही था धमकी
 
कमल किशोर मिश्र के परिजनों और नजदीकियों का कहना है कि कमल को लगातार विशेश्वर हत्याकांड में गवाही नहीं देने की धमकी दी जा रही है. विशेश्वर हत्याकांड का आरोप शिवाजीत मिश्रा और उसके बेटे पर लगा है. फिलहाल शिवाजीत मिश्रा जेल मे बंद है. लोगों का दबी जुबान में कहना है कि लगातार दूसरे पार्टी की तरफ से कमल किशोर मिश्रा को साइलेंट रहने के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

हटा ली गई थी सुरक्षा
 
विशेश्वर हत्याकांड में मुख्य गवाह होने के वजह से पुलिस ने कमल किशोर मिश्रा को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवाया था. लेकिन कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने इस सुरक्षा को वापस ले लिया था. 

आरा से के.के सिंह की रिपोर्ट

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