PATNA : पिछले 20 साल से रणजी ट्रॉफी मैचों का इंतजार खत्म हो गया है। बिहार फिर से रणजी ट्रॉफी मैचों की मेजबानी के लिए तैयार है। राजधानी के मोइनुल हक स्टेडियम में आज फिर से इसकी शुरुआत होने जा रही है। आज से बिहार और सिक्किम के बीच चार दिवसीय मुकाबले की शुरुआत होगी।
1997-98 में हुआ था आखिरी मुकाबला
वर्ष 1997-98 में आखिरी बार बिहार में रणजी मुकाबला हुआ था। उस वक्त बिहार ने ईस्ट जोन से क्वालिफाई करने के बाद इस स्टेडियम में बड़ौदा के खिलाफ मैच खेला था। मैच तो ड्रॉ हो गया था, लेकिन अंको के आधार पर बड़ौदा ने बाजी मार ली थी।
संघ की आपस की लड़ाई से 20 वर्ष करना पड़ा इंतजार
बताते चले कि आपसी लड़ाई के कारण बिहार दो दशक तक रणजी ट्रॉफी का इंतजार करता रहा। बिहार से अलग झारखंड राज्य के बनने के बाद झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन बना और बीसीसीआई ने क्रिकेट की गतिविधियां पटना से रांची स्थानांतरित कर दी।
खिलाड़ियों का होता रहा पलायन
बिहार में क्रिकेट संघ आपस में लड़ते रहे, जिसका खामियाजा यहां के खिलाड़ियों का भुगतना पड़ा। बिहार के खिलाड़ी पलायन करते रहे और दर्शक क्रिकेट मैच के लिए तरसते रहे।