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रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का भारत पर नहीं पड़ेगा बहुत ज्यादा असर, भारत को दीर्घकालिक रूप से हो सकता है बड़ा लाभ

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का भारत पर नहीं पड़ेगा बहुत ज्यादा असर, भारत को दीर्घकालिक रूप से हो सकता है बड़ा लाभ

दिल्ली. रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध से दुनिया के अलग अलग देश विभिन्न खेमों में बंट चुके हैं. खासकर यूरोप के कई देश और अमेरिका के मित्र राष्ट्रों वाली नाटो के लिए रूस एक बड़ी ताकत और चुनौती बनकर उभरा है. रूस के हमले यूक्रेन बुरी तरह बर्बाद होता भी दिखा रहा है जबकि वैश्विक स्तर पर दुनिया के सभी देशों में इस युद्ध का व्यापक असर होना तय माना जा रहा है. 

दुनिया भर के बाजारों में रूस-यूक्रेन विवाद के कारण भूचाल मचा हुआ है. भारत में भी इसका असर देखने को मिला है. लेकिन वैश्विक और बाजार जानकारों की मानें तो भारत को रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद भी न तो व्यापारिक रूप से बड़ा नुकसान होगा और ना ही भारत में तेल का संकट होगा. इसका बड़ा कारण है कि भारत का रूस के साथ तेल जैसे उत्पाद में न्यूनतम आश्रित होना है. वहीं अगर दीर्घकालिक रूप से देखा जाए तो रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध से भारत को भविष्य में कुछ फायदा ही होगा. 

मौजूदा दौर में भारत का कुल कच्चा तेल आयात या पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स आयात 150 अरब डॉलर के आसपास है. वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने मात्र 3.7 अरब डॉलर के पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयत ही रूस से किया था. ऐसे में अगर दुनिया में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ा इजाफा होता है तब भी भारत पर रूस से निर्भरता न होने के कारण बड़ा असर नहीं होगा. इसके उलट युद्ध के दौरान रूस पर अमेरिका और यूरोप के देशों के प्रतिबंध के कारण भारत को रूस से व्यापर बढ़ाने का बड़ा मौका मिल सकता है. 

मौजूदा दौर में भारत ही रूस से हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार है. ऐसे में अगर अन्य देश डॉलर, यूरो जैसी मुद्राओं में रूस से व्यापार करने पर प्रतिबंध लगाते है तो भारत के पास रुपए में रूस से व्यापार करने का विकल्प बढ़ जाएगा. वहीं रूस अपने पेट्रोलियम प्रोडक्ट को खपाने के लिए बड़े बाजार के रूप में भारत से व्यापारिक रिश्ते बढ़ाने पर जोर दे सकता है. इसी तरह कई प्रकार के हथियार की खरीद में भी भारत को रूस से बेहतर लाभ मिल सकता है. 

चूकी यूक्रेन के साथ भारत का कोई बड़ा व्यापारिक संबंध नहीं है इसलिए भारत को यूक्रेन से ज्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है. हालांकि खाने के तेल के मामले में यूक्रेन पर भारत बड़े स्तर पर निर्भर है. भारत बड़े पैमाने पर कुकिंग ऑयल यूक्रेन से आयात करता है. पिछले साल भारत के कुल सूरजमुखी तेल आयात में 74 फीसद हिस्सेदारी यूक्रेन की थी. 2019-20 में भारत-यूक्रेन के बीच 2.52 अरब डॉलर का कारोबार हुआ था.


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