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PMCH में वार्ड अटेडेंटो ने किया काम ठप, चार माह से वेतन नहीं मिलने पर प्रबंधन के खिलाफ फूटा गुस्सा

PMCH में वार्ड अटेडेंटो ने किया काम ठप, चार माह से वेतन नहीं मिलने पर प्रबंधन के खिलाफ फूटा गुस्सा

PATNA : प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का दर्जा रखने वाले पीएमसीएच मरीजों के इलाज से ज्यादा यहां डॉक्टरो, नर्सों और कर्मियों के स्ट्राइक के कारण चर्चा में रहता है। मंगलवार को एक बार फिर से वही स्थिति यहां नजर आई। जब वार्ड अटेंडेंट के पद पर कार्यरत 243 कर्मियों ने अचानक काम काज ठप कर दिया। इन वार्ड अटेंडेट का कहना था कि चार महीने से उन्हें वेतन नहीं मिला है। जिसके कारण उन्हें अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। कंपनी प्रबंधन के खिलाफ विरोध कर रहे वार्ड अटेंडेटों ने चेतावनी दी है कि अगर शुक्रवार तक वेतन नहीं दिया गया तो शनिवार से भूख हड़ताल पर चले जाएंगे।



कर्मियों के मुताबिक प्रत्येक माह तो वेतन कभी मिलता ही नहीं है। पांच माह पर वेतन रिलीज करते हैं, जिसके कारण परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाता है। कर्मियों ने बताया कि बिहार के अलग-अलग जिलों से आकर पटना में लोग किराए के मकान में रह रहे हैं। आलम यह है कि किराए का भी पैसा नही जुटा पा रहे। मकान मालिक ने मकान छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया है।



बताया गया कि वेतन को लेकर कर्मियों ने पीएमसीएच के डिप्टी सुपरिटेंडेंट एके झा से भी अपनी मांग को रखा, लेकिन पहचानने से इनकार कर दिया। कंपनी के पास शिकायत लेकर जाने को कहा। 



वार्ड अटेंडेंटों के  हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में समस्या उत्पन्न हो गई है, लेकिन फ्रंट लाइन कंपनी के सुपरवाइज़र राजू कुमार हड़ताल की बात से इनकार कर दिया है। सुपरवाइजर ने बताया कि टेक्निकल फॉल्ट के कारण वेतन रिलीज नहीं हुआ है, प्रोसेस में हैं, जल्द ही वेतन रिलीज कर दिया जाएगा।



अस्पताल के सभी वार्डों में इसी कंपनी के वार्ड अटेंडेंट

जानकारी के मुताबिक पीएमसीएच के हर वार्ड में इसी कंपनी के कर्मियों को भी दो माह से वेतन नहीं दिया गया। इसे लेकर वहां भी कर्मियों में आक्रोश है और ऑफ रिकार्ड एक कर्मी ने यह भी बताया कि यहां जितनी भी कंपनी अब तक आई है, उसका यही हाल रहा है। कई कंपनी ने तो एक माह का वेतन तक नहीं दिया और यहां से भाग गए, लेकिन अब दूसरी कंपनी आई है और इसका भी यही हाल है।


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