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बेतिया में मसान नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में घुसा पानी, गोपालगंज में लोग घर छोड़ने को मजबूर

बेतिया में मसान नदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में घुसा पानी, गोपालगंज में लोग घर छोड़ने को मजबूर

BETTIAH : बगहा में गंडक नदी के साथ ही मसान नदी के जलस्तर में भी भारी वृद्धि हुई है। मसान नदी के जलस्तर में हुई वृद्वि के बाद नदी के किनारे बसे कई गांवों में पानी घुसने लगा है। वही जल संसाधन विभाग की ओर से कराए गए फ्लड फाइटिंग कार्य भी क्षतिग्रस्त हो गया है। नदी की तेज धारा के आगे जल संसाधन विभाग के द्वारा किया गया कार्य को धराशायी होते देर नही लगी। मसान नदी के किनारे बसे रामनगर व बगहा 1 में झारमहुई गांव के लोगों ने प्रशासन से पहल करने की अपील की है। हालांकि नारायणी गण्डक नदी के जलस्तर में कल 2 लाख 67 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आज जलस्तर कुछ घटकर 2 लाख 30 हज़ार तक आ गया है। बावजूद इसके परेशानी कम नहीं है। अब गण्डक के साथ साथ मसान नदी भी कहर बरपा रही है। 


बगहा SDM दीपक मिश्रा ने राहत बचाव के लिए जल संसाधन विभाग औऱ सीओ को निर्देश दिया है। उन्होंने बताया की मसान नदी के कहर से बचने के लिये जिला प्रशासन द्वारा वहां जियो बैग तैयार कर रखा गया है। वही स्थानीय ग्रामीण नजरे आलम ने बताया की जिला प्रशासन द्वारा जो फ्लड फाइटिंग काम काम कराया गया था। वह पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। गाँव मे पानी प्रवेश करना शुरू हो गया है।अब सभी ग्रामीणो की नजर एक बार फिर जिला प्रशासन व सरकार पर है। देखना यह होगा की सरकार झरमहुई ,रायबारी महुअवा , सलहा जैसे आधा दर्जन गांव को कैसे बचा पाती है।

उधर गोपालगंज के दियरा इलाके के लोगों के बीच बाढ़ के पूर्व बेचैनी बढ़ गई है। 2 लाख 27 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में दियारा इलाके के लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर है। लोग अपना आशियाना खुद तोड़ रहे हैं। ताकि उसमें से कुछ जरूरी के सामान निकाल सके। दरअसल गोपालगंज जिला बाढ़ प्रभावित इलाका माना जाता है। गंडक नदी जब उफान पर होती है तो न जाने कितने ही घरों और जमीनों को अपने आगोश में ले लेती है।  एक बार फिर बाढ़ के हालात बनने के पहले दियारा इलाके के लोगों के बीच भय का माहौल है। नेपाल के तराई इलाकों में हो रहे लगातार बारिश के कारण बाल्मीकि नगर बाजार से करीब 227000 क्यूसेक पानी  छोड़ा गया है। पानी छोड़े जाने के बाद दियरा इलाके में रहने वाले लोग अपने घर से छोड़कर ऊंचे स्थान तक जाने लगे हैं। कुछ ऐसे भी लोग हैं जो  जिसने अपने खून पसीने लगाकर काफी मेहनत कर घर बनाया था। लेकिन गंडक नदी का जलस्तर गांव के करीब पहुंचते देख अब उसे तोड़ने लगे है। अब उन्हें डर है कि कहीं पूरा गांव ना गंडक नदी के गोद में समा जाए। जिससे घर में लगाए गए ईट ,किवाड़ बर्बाद हो जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि हमेशा की यह परिपाटी रही है। हमेशा बाढ़ आता हैं जान माल का नुकसान होता है। कोई नेता कोई मंत्री कोई मदद नहीं करता। किसी तरह हम लोग रहने को विवश होते हैं। 

बेतिया से आशीष कुमार और गोपालगंज से मनान अहमद की रिपोर्ट 

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