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कैमूर में उड़ाई जा रही है जल, जीवन, हरियाली अभियान की धज्जियां, पेड़ काटने वाले को थाने से छोड़ा

कैमूर में उड़ाई जा रही है जल, जीवन, हरियाली अभियान की धज्जियां, पेड़ काटने वाले को थाने से छोड़ा

KAIMUR : कैमूर जिले में जिला प्रशासन की ओर से फ़र्जी आंकड़ों पर अपना पीठ थपथपाया जा रहा है. जिले को ओडीएफ घोषित करना इसका सबसे बेहतरीन उदहारण है. 2018 में की कैमूर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश  पर कैमूर आनन-फानन में ओडीएफ घोषित हो गया. लेकिन धरातल पर यह काम अधूरा रह गया. केवल कागजी आंकड़े जुटाकर जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया. अगर इसकी सच्चाई जाननी है तो यहाँ करकट गढ़ और अधौरा जाकर देखा जा सकता है. 

जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए थे तो करकट गढ़ को दुल्हन की तरह सजा दिया गया था. लेकिन आज वहाँ बनाया हुआ शौचालय भी गायब है. जब-जब जिला में कोई कार्यक्रम होता है तो ओडीएफ का नाम लेकर लोगों को गुमराह किया जाता है. लेकिन फर्जी ढंग से लोगों के शौचालय के कागज बना दिए गए. एक व्यक्ति का दो दो शौचालय का कागज बना दिया गया है. इस तरह माना जा रहा है कि फर्जी आंकड़ों से ही विकास का ढोल पीटा जा रहा है. ओडीएफ के बारे में कैमूर डीएम नवल किशोर चौधरी ने बताया की 200000 शौचालय बनाने का लक्ष्य था. लेकिन एक लाख लोगों को भुगतान हो चुका है. इस तरह बाकी लोगों का भुगतान नहीं हुआ है. इससे साफ जाहिर हो रहा है कि कहीं ना कहीं खामियां है. जबकि कैमूर जिला 2018 में ओडीएफ हुआ था. लेकिन आज तक ना तो सही से जांच हो पाया ना तो भुगतान हो पाया. 

अभी तो ओडीएफ का मामला ठंडा ही नहीं हुआ तब तक से जल, जीवन और हरियाली पर जिला प्रशासन की ओर से जोर दिया जाने लगा. लेकिन जिले में ओडीएफ जैसी हालत जल, जीवन और हरियाली अभियान की भी हो रही है. भभुआ के पटेल कॉलेज मैदान में जल, जीवन और हरियाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिला अधिकारी मंच से हरियाली और वृक्षारोपण की बात कहते हैं. वहीं दूसरी तरफ वृक्ष काटने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई होता है. लेकिन गिरफ्तार होने के बाद दबाव के कारण थाना में मामला को रफा दफा कर दिया जाता है. 

यहाँ तक कि प्राथमिकी भी दर्ज नही किया जाता है. आज से 10-15 दिन पहले जब दुर्गावती में पेड़ काटते 3 लोग गिरफ्तार हुए थे. इसी दौरान मोहनिया एसडीएम शिव कुमार रावत ने तीनों को गिरफ्तार कर दुर्गावती थाना भेज दिया था. सीओ को प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए गए थे. लेकिन इस संबंध में जब मोहनिया एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी के आदेशा अनुसार उन लोगों को गिरफ्तार कर दुर्गावती थाना भेज दिया गया था. वे लोग जेल जाते. लेकिन चंद मिनटों में ऐसी क्या दबाव आय कि जिला प्रशासन को भी झकझोर दिया. जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ा दी गयी. बाध्य होकर थाने से वृक्ष काटने वाले अभियुक्तों को छोड़ना पड़ गया. इसका जिंदा सबूत खबर में लगा फोटो है.

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट 

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