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भूमिहारों की 'कमजोरी' को BJP ने बनाया हथियार और बता दी हैसियत, रही-सही कसर JDU ने पूरी कर दी, यादवों पर भी विश्वास नहीं

भूमिहारों की 'कमजोरी' को BJP ने बनाया हथियार और बता दी हैसियत, रही-सही कसर JDU ने पूरी कर दी, यादवों पर भी विश्वास नहीं

PATNA: बिहार में नीतीश कैबिनेट विस्तार से बीजेपी के कोर वोटर भूमिहार मायूस हो गए हैं। बीजेपी-जेडीयू ने भूमिहारों को तो ठेंगा दिखाया ही यादवों पर भी भरोसा नहीं जताया है. इस बार कैबिनेट विस्तार में बिहार में मजबूत माने जाने वाले इन दो जाति के विधायकों को जगह नहीं दी गई। नीतीश कैबिनेट में भूमिहार और यादव से सिर्फ 2-2 मंत्री हैं। जबकि मंगलवार को हुए कैबिनेट विस्तार में सबसे अधिक राजपूत समाज से 4,ब्राह्मण से 2 नेताओं को जगह दी गई है। इस तरह से नीतीश कैबिनेट में ब्राहम्ण समाज का प्रतिनिधित्व भूमिहारों से अधिक  हो गया है।

भूमिहारों को बीजेपी ने बता दी हैसियत

बीजेपी के कोर वोटर माने जाने वाले भूमिहारों को अब भाजपा ने भी हैसियत बता दी है। भूमिहार समाज के वोटर बीजेपी को अपनी पार्टी समझते थे।लेकिन यही इस समाज के लिए अभिशाप बन गया। भाजपा नेतृत्व ने भूमिहार समाज की उस कमजोरी को समझ लिया है. लिहाजा प्रतिनिधित्व में लगातार कटौती हो रही और मजबूर नेता टुकुर-टुकुर देख रहे। भाजपा अब यह मान कर चल रही है कि इस समाज के वोटर कहीं नहीं जायेंगे। इन्हें राजद का भय दिखाकर पाले में किया जा सकता है। इसलिए बीजेपी नेतृत्व ने इस बार मंत्रिमंडल विस्तार में भी ठेंगा दिखा दिया। बीजेपी कोटे से इस बार नौ नेता मंत्री बने लेकिन भूमिहार जाति से एक भी नहीं। जब भाजपा ने ही अपने कोर वोटर वाले समाज से मंत्री नहीं बनाया तो जेडीयू ने भी भूमिहारों को दुत्कार दिया और ठेंगा दिखाते हुए किसी नेता को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी। इस समाज के नेता अब नेतृत्व की तरफ से किये जा रहे संहार पर टुकुर-टुकर देखने को विवश हैं. 


लालू राज-नक्सलवाद का भय दिखा वोट लेने की होती है साजिश

 जानकार बताते हैं कि अब बीजेपी के साथ-साथ जेडीयू भी इस लाइन पर चल रही कि चुनाव के समय इस जाति को आसानी से बरगलाया जा सकता है। लालू राज और नक्सलवाद का भय दिखाकर इस समाज का वोट आसानी से पाले में लाया जा सकता है। इसलिए लोकसभा सीट से कटौती शुरू हुई, फिर विधानसभा,विधान परिषद और अब मंत्रिमंडल में चेहरे को कम कर दिया गया। इस तरह से भाजपा नेतृत्व ने भूमिहारों की हैसियत बता दी।  

यादवों पर भी नहीं किया विश्वास

 बिहार में बीजेपी के प्रभारी भूपेन्द्र यादव हैं,जबकि बड़े नेता के तौर पर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की पहचान हुई है। दोनों यादव समाज से आते हैं। हालांकि एनडीए यादव वोटरों को लेकर बहुत आश्वस्त नहीं है। लिहाजा इस बार की कैबिनेट विस्तार में किसी यादव विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया । नीतीश कैबिनेट में जदयू कोटा से बिजेंद्र प्रसाद यादव और भाजपा कोटे से रामसूरत कुमार राय शामिल हैं। एनडीए के कोर वोटरों में ब्राह्मण और भूमिहार बिरादरी के मतदाता माने जाते हैं।कैबिनेट  विस्तार में ब्राहमण समाज से संजय झा और आलोक रंजन झा को जगह दी गई। मंगल पांडेय पहले से ही थे।लेकिन अब भूमिहारों की बागीदारी कम हो गई। भाजपा और जदयू कोटे से जीवेश कुमार और विजय कुमार चौधरी मंत्री हैं। वहीं, इस बिरादरी से विजय कुमार सिन्हा विधानसभा अध्यक्ष हैं।  

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