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मध्य प्रदेश में जदयू उम्मीदवारों का क्या हुआ हाल, सीएम नीतीश का तीर विधानसभा चुनाव में कहां लगा, जानिए

मध्य प्रदेश में जदयू उम्मीदवारों का क्या हुआ हाल, सीएम नीतीश का तीर विधानसभा चुनाव में कहां लगा, जानिए

पटना. जदयू को संगठन विस्तार देने के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में किस्मत आजमा रही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी की किस्मत दांव पर लगी है. रविवार को आ रहे चुनाव परिणाम में शुरुआती रुझानों में जिन 10 विधानसभा सीटों पर जदयू ने किस्मत आजमाया है उसमें जदयू का तीर फ़िलहाल निशाने पर लगता नहीं दिख रहा है. 

पिछोर सीट से चंद्रपाल यादव, राजनगर सीट से रामकुंवर रायकवार, विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी, थांदला सीट से तोल सिंह भूरिया और पेटलावद सीट से रामेश्वर सिंगला को चुनावी मैदान में उतारा. वहीं जदयू की दूसरी सूची में भी पांच उम्मीदवार रहे. जदयू ने सागर जिले के नरियावली (एससी) से सीताराम अहिरवार, नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव (एससी) से प्रमोद कुमार मेहरा, कटनी जिला के बहोरीबंद से पंकज मौर्या, जबलपुर उत्तर से संजय जैन और बालाघाट विधानसभा क्षेत्र से विजय कुमार पटेल को मैदान में जदयू ने उतारा.

हालांकि मतगणना के शुरुआती रुझानों में जदयू के लिए किसी भी सीट पर जीत होती नहीं दिख रही है. सभी 10 विधानसभा की सीटों जहाँ से जदयू ने उम्मीदवार उतारे हैं वहां नीतीश की पार्टी को झटका लगा है. अधिकांश सीटों पर जदयू उम्मीदवारों को जमानत बचाने की चुनौती दिख रही है. 

एमपी में जदयू का रिकॉर्ड बेहद खराब : मध्य प्रदेश में जदयू ने पहला विधानसभा चुनाव 1998 में लड़ा। 144 उम्मीदवार थे। 135 की जमानत नहीं बची। पाटन सीट पर सोबरान सिंह बाबूजी की जीत हुई। 2003 में उम्मीदवारों की संख्या घटकर 36 रह गई। बड़वारा से सरोज बच्चन नायक चुनाव जीते। 33 की जमानत जब्त हुई। 2008 का मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव जदयू के लिए बहुत बुरा रहा। 49 उम्मीदवारों में से किसी की भी जमानत नहीं बची।2013 में जदयू के केवल 22 उम्मीदवार मैदान में उतरे। एक की जमानत बच पाई।


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