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CM नीतीश के जनता दरबार से क्या फायदा ? मुख्यमंत्री के आदेश पर भी काम नहीं, एक ही शिकायत लेकर बार-बार आने को मजबूर हैं फरियादी

 CM नीतीश के जनता दरबार से क्या फायदा ? मुख्यमंत्री के आदेश पर भी काम नहीं, एक ही शिकायत लेकर बार-बार आने को मजबूर हैं फरियादी

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आये लोगों की फरियाद पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. एक ही शिकायत को लेकर फरियादी बार-बार नीतीश कुमार के पास आने को मजबूर हैं. जनता दरबार में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अफसर शिकायत का निबटारा नहीं कर रहे। मुख्यमंत्री के समक्ष एक महिला ने जनता दरबार की हकीकत को सामने ला दिया। महिला ने सीएम नीतीश से कहा कि उनके पति उर्जा विभाग में काम करते थे. 2021 में उनका निधन हो गया। अनुकंपा पर नौकरी की मांग को लेकर अगस्त 2021 में भी आपके पास आये थे. अब तक अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी गई है. शिकायत के बाद मुख्यमंंत्री भौंचक रह गए। इसके बाद सीएम नीतीश ने उर्जा विभाग के प्रधान सचिव को फोन लगाया। मुख्यमंत्री ने अफसर से कहा,''अरे भाई मुंगेर से आई हुई हैं विनीता देवी. 16 अगस्त 2021 को भी जनता दरबार में आई थी. ऊर्जा विभाग में कार्यरत इनके पति की मौत हो गई थी. अनुकंपा पर नियुक्ति अब तक नहीं हुई है. उस समय जब आई थी तो कह दिया गया था कि नौकरी दे देना है. बताइए पिछले साल भी आई, इसके बाद भी नहीं मिला है, फिर से आई हैं. इनके पति का 2021 में ही निधन हो गया था. देख लीजिए ...काहे नहीं मिल रहा है. आप देख लीजिए, उसमें नहीं होता है तो ठीक नहीं है. वह भी देख लीजिएगा .

बिजली बिल से उपभोक्ता परेशान 

बिजली के डंक से बिहार के उपभोक्ता परेशान हैं. अधिक बिजली बिल की शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष आया. जनता दरबार में कैमूर से आये एक युवक ने फरियाद किया कि एक बल्ब और एक पंखा का बिजली बिल एक महीने में 9 हजार रू आ रहा। हमने जब शिकायत को जेई शिकायत दूर करने की बजाय धमकी देते हैं. वे कहते हैं सीएम के यहां जाओ या पीएम के यहां, कोई फर्क नहीं पड़ता। शिकायत सुनकर नीतीश कुमार ने उर्जा विभाग के प्रधान सचिव को फोन कर कहा कि आखिर इतना बिजली कैसे आ रहा है.इस शिकायत को दूर करिए। 


सात निश्चय योजना की खुली पोल 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सात निश्चय योजना की पूरी पोल खुल गई। मुजफ्फरपुर से आये एक फरियादी ने सीएम नीतीश से कहा कि नल-जल योजना पूरी तरह से फेल है. घऱ-घऱ पानी पहुंचाने की योजना का पलीता लग गया है। ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा। यह शिकायत सुनकर नीतीश कुमार ने पूछा कि यह पंचायत का मामला है ? फरियादी ने कहा कि हां पूरी योजना पंचायत में ही है. आधे गांव को पानी मिल रहा है बाकि को नहीं. नली-गली योजना का भी वही हाल है.

सीएम नीतीश अपनी महत्वाकांक्षी योजना का हाल सुन कर पंचायती राज विभाग के अधिकारी को फोन लगाने को कहा. फोन कर मुख्यमंत्री ने कहा कि देखिए इस मामले को. विकास योजना में गड़बड़ी की शिकायत है. इसे देखिए। वहीं पश्चिम चंपारण आये एक फरियादी ने कहा कि हमारे यहां भी नजल-जल योजना का हाल बेहाल है. इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फिर से पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को फोन लगाया। सीएम नीतीश ने फोन कर कहा कि देखिए यह भी नल-जल योजना से संबंधित है. हम यात्रा में गए थे तो क्यों नहीं यह सब काम हुआ ? इसको दिखवाइए। 

पश्चिम चंपारण से आये एक वृद्ध मुख्यमंत्री के सामने फरियाद लगा कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि अत्यधिक बिजली बिल से परेशान हैं.हम कहां से इतना बिल देंगे. शिकायत सुन नीतीश कुमार ने उर्जा विभाग के प्रधान सचिव को फोन लगाकर कहा कि देखिए इस शिकायत को. आखिर इतना अधिक बिल कैसे आ रहा? यह तो हद है, बढ़े बिल को देखिए और शिकायत को दूर करिए। 

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