किसी राज्य में डीजीपी पुलिस विभाग का मुखिया होता है। जाहिर है उनकी सैलरी भी अच्छी होगी। अगर यह कहा जाए कि डीजीपी साहब लोगों से पैसे उधार मांग रहे हैं, तो यकीन करना मुश्किल होगा। लेकिन यह सच है। मामला झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा से जुड़ा है। जिनके द्वारा लोगों से पैसे मांगे गए। उनको जाननेवाले भी हैरान रह गए प्रदेश के पुलिस विभाग के मुखिया को ऐसी क्या जरुरत आ गई कि उन्हें पैसे मांगने पड़ रहे हैं।
दरअसल पैसे की मांग डीजीपी के फेसबुक एकाउंट से की गई थी। पिछले एक साल से देश भर में ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए हैं, जब बड़े लोगों के नाम पर फर्जी फेसबुक एकाउंट तैयार कर उनके दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी गई और उनसे पैसों की मांग की गई। ऐसे साइबर अपराधियों ने इस बार झारखंड के डीजीपी को ही अपना निशाना बना लिया। साइबर अपराधियों ने डीजीपी का भी फर्जी फेसबुक आइडी बना लिया और उनके मित्र सूची वाले दोस्तों को फिर से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, उस फेसबुक आइडी से साइबर अपराधी ने फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकारने वाले से मैसेंजर पर रुपये मांगना भी शुरू कर दिया।
खुद बताया फर्जी एकाउंट के बारे में
डीजीपी को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने अपने फेसबुक पर एक मैसेज पोस्टकर लोगों को अपने फर्जी फेसबुक खाते की जानकारी दी और आग्रह किया कि उस फेसबुक अकाउंट से आए फ्रेंड रिक्वेस्ट को नहीं स्वीकारें। उन्होंने उक्त आइडी से आने वाले किसी तरह के मैसेज को गंभीरता से नहीं लेने का अनुरोध किया है। इस मामले में डीजीपी के आदेश पर रांची के साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज हो गई है। पूरे मामले में अनुसंधान तेज है और साइबर अपराधियों की तलाश जारी है।
पिछले एक साल से आए दिन साइबर अपराधी लोगों के फेसबुक आइडी का क्लोन बनाकर उनके मित्र सूची के लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज रहे हैं। मित्र बनते ही तबीयत खराब, अस्पताल में भर्ती और अति आवश्यक कार्य का झांसा देकर रुपयों की मांग करते हैं। ये अपराधी यह भी कहते हैं कि शाम तक या कल सुबह तक रुपये वापस कर देंगे।