पटना. बिहार विधानसभा में बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार में सुशासन के दावों को विपक्षी सदस्यों ने खोखला करार देते हुए कई सवाल उठाए. यहां तक कि विधायक महबूब आलम ने पुलिस और कानून व्यवस्था पर जनता का विश्वास नहीं होने की बात कही. उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कि राज्य की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाया.
शून्यकाल के दौरान बरसोई और बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले महबूब आलम ने कहा कि एक दलित की बेटी का बलात्कार हो जाता है. लेकिन दुर्भाग्य है कि जिस बाप की बेटी का बलात्कार होता है वह अपनी बेटी को वापस करने की गुहार लगाने के लिए दबंगों के पास विनती करने जाता है.
उन्होंने कहा कि एक दलित समुदाय की बेटी का बलात्कार होता है. उसका पिता न्याय के लिए पुलिस के पास नहीं जाता है. वह उन्हीं दबंगों के पास जाता है और कहता है कि बेटी का बलात्कार तो हो ही गया है अब कम से कम उसे लौटा दो. बावजूद इसके बेटी नहीं लौटती है और पिता का पास उसका शव आता है. उन्होंने इसका जिक्र कर राज्य में कानून व्यवस्था की दयनीय स्थिति और पुलिस के इक़बाल पर सवाल उठाया.
शून्यकाल के दौरान ही पूर्णिया के अमौर से AIMIM के विधायक अख्तरुल इमान ने समस्तीपुर में हाल ही में एक व्यक्ति की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि उसकी हत्या मॉबलिंचिंग थी. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की. साथ ही उन्होंने मॉबलिंचिंग का जिक्र कर राज्य की बदतर कानून व्यवस्था की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया.