पटना. बिहार प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गोपाल नारायण सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा की व्यवहार्यता पर सवाल किया है. पूर्व सांसद गोपाल नारायण ने शुक्रवार को कहा कि नीतीश कुमार पिछले कुछ दिनों से समाधान यात्रा पर है। ये यात्रा किन समस्याओं के समाधान के लिए निकाला गया है, ये बिहार कि जनता जानना चाहती है। क्या ये यात्रा अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए और बिहार कि जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए तो नहीं है। बिहार कि जनता नितीश जी से कुछ प्रश्नों के जवाब जानना चाहती है.
उन्होंने कहा कि सत्तर के दशक में जयप्रकाश नारायण ने पुरे देश में और खासकर बिहार में एक भयंकर जन आन्दोलन किया था, वो जन आन्दोलन कांग्रेस में व्याप्त भ्रष्टाचार, समाज एवं देश के प्रति उदाशीन भावना और स्वयं के बारे में ज्यादा चिंतित होने के खिलाफ में एक नए बिहार को बनाने के लिए जन आन्दोलन खड़ा किया था। उसी आन्दोलन कि देन हैं लालू और नीतीश और उस समय के नेता जयप्रकाश के आन्दोलन का एक उद्देश्य था कि बिहार को कैसे विकसित किया जाये. उसके समाधान को खोजने कि कार्य नयी पीढ़ी करेगी और वो ही स्वस्थ सरकार चलाएगी. इसीलिए बिहार कि जनता ये जानना चाहती है कि जयप्रकाश के उद्देश्यों को पूर्ति करने के लिए उपरोक्त नेता लालू – नीतीश इत्यादि नेता लोग उन समस्याओं के समाधान को खोजा ? या ये भी कांग्रेस के समय कि समस्याओं को और बृहद कर दिया. बिहार कि जनता उन बिन्दुओं पर लालू एवं नितीश कि सरकार से जानना चाहती है.
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता जानना चाहती है कि 15 साल लालू राज रहा और करीब 17 सालों से लगातार नीतीश जी मुख्यमंत्री हैं। इस अवधि में इन्होंने बिहार में उद्योग धंधों के विकास के लिए क्या किया? कितने उद्योग-धंधे नए लगे और कितने पुराने बंद हो गए। बंद होने वालो में जैसे कटिहार जूट मील उत्तरी बिहार के सुगर मील, दरभंगा और समस्तीपुर के पेपरमील (जो कर्पूरी ठाकुर जी के कार्यकाल में प्रारंभ हुआ था) इत्यादि हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में लालू-नीतीश द्वारा लगभग 33 वर्षों से सरकार चल रही है, और ये सरकार गरीबों के हित के लिए अपने सरकार को उत्तरदायी बताती है। बिहार में गरीब परिवार के लड़के सरकारी विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जाते हैं, क्योंकि उनके पास बाहर जाकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए संसाधन नहीं है. क्या ये सरकार बताएगी कि सरकारी विद्यालयों और कॉलेजों कि स्थिति बत से बत्तर होती जा रहीं है. उसके उत्थान के लिए उसको विकसित करने के लिए सरकार क्या कर रही है ?
नीतीश के लालू यादव की पार्टी संग जाने पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में अराजक स्थिति पहले से थी. लॉ एंड ऑर्डर कि समस्या थी और उसी समस्या का उदहारण देकर नीतीश कुमार तब लालू यादव पर प्रहार कर सरकार में आये थे और आज उन्हीं से आप हाथ मिलाये हैं। विगत कुछ समय से प्रमाणित हो गया है कि आपने मद्य निषेद करके राजस्व का नुकसान तो किया ही है, साथ ही प्रदेश कि कानून व्यवस्था ( लॉ एंड ऑर्डर) और भी गंभीर हो गया है। उन्होंने कहा कि बिहार कि जनता ये जानना चाहती है कि बिहार का विकास कैसे होगा जबकि राज्य में न तो राजस्व का कोई सही स्रोत है और सीमेंट, पत्थर और लोहा में भी बिहार पीछे है. आवश्यकतानुसार सीमेंट बाहर से आता है, पत्थर उद्योग जिससे बिहार सरकार को हजारों करोडो का राजस्व आता था उसको आपने बंद कर दिया।