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WHATSAPP बना टिड्डियों के दल को रोकने का जरिया, जानिये कैसे ?

WHATSAPP बना टिड्डियों  के दल को रोकने का जरिया, जानिये कैसे ?

DESK : देश में  कोरोना संकट के बीच एक और आफत आ गई है। यह आफत टिड्डियों के रुप में आई है। टिड्डियों  के दल का डर किसानों को सताने लगा है। ऐसे में सरकार भी किसानों के फसल को इन टिड्डियों से बचाने को लेकर पूरी कोशिश में लगी है। 

खबर है कि उत्तर प्रदेश के सीतापुर में टिड्डियों के दल से निपटने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों ने एक नायाब तरीका निकाला है।  कृषि रक्षा इकाई ने टिड्डी दल के हमले को रोकने के लिए सोशल मीडिया के वॉट्सऐप को अपना हथियार बनाया हैं। इस वॉट्सऐप  के जरिए किसानों को समय-समय पर दवा का छिड़काव और बचाव के तरीके समेत अन्य चीजों के उपाय ग्रुप के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जा रहा हैं। वॉट्सऐप अब कृषि विभाग के लिए किसानों तक पहुंचने का एक आसान तरीका बन चुका हैं।

दरसल कृषि रक्षा इकाई जिले में विकासखंड वार वॉट्सएप्प ग्रुप बनाकर प्रत्येक ग्रुप में 200-200 किसानों को जोड़ते हैं। उप निदेशक का कहना हैं कि इस ग्रुप के माध्यम किसानों को टिड्डी दल के हमले से फसल को बचाने के लिए उपाय बताए जाते हैं और अगर टिड्डी दल फसल के आस -पास दिखाए दें तो  किसानों को क्या करना हैं ,यह सभी जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए वॉट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया जाता हैं। जिससे अधिक से अधिक किसान अपनी फसलों को टिड्डी के हमले से बचा सकें। इसके साथ ही उनका कहना है कि विभाग इस कोशिश में लगी है कि ज्यादा से ज्य़ादा लोग ग्रुप से जुड़ सके। जिले में हर ब्लॉक के लिए अलग ग्रुप बनाया गया है । 

उप कृषि निदेशक के मुताबिक जिले में 19 ब्लॉक हैं और 19 जागरूकता ग्रुप बनाए गए हैं और इसमें विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारियों को भी जोड़ा गया है। इन अधिकारियों द्वारा समय-समय पर किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं का निपटारा किया जाता है।  

इधर किसानों की माने तो कृषि विभाग के इस पहल से उन्हें बड़ी राहत मिली है।  इस ग्रुप के माध्यम से उन्हें इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि  किस समय कौन सी दवा की छिड़काव करनी है।

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