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जब DGP ने CM नीतीश की खोल दी आंख! 'सरकार' से साफ-साफ कहा- पुलिस में सलाहकार नियुक्त करें तो 'काम' भी उन्हीं से करवाएं.....

जब DGP ने CM नीतीश की खोल दी आंख! 'सरकार' से साफ-साफ कहा- पुलिस में सलाहकार नियुक्त करें तो 'काम' भी उन्हीं से करवाएं.....

N4N DESK: सरकार चलाने के लिए मुख्यमंत्री हों या प्रधानमंत्री, अपने खास लोगों को सलाहकार नियुक्त करते हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी समय-समय पर सलाहकार की नियुक्ति करते रहे हैं। बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी ने 'सलाहकार' को लेकर कड़ी टिप्पणी की है। राज्य के पूर्व डीजीपी अभयानंद ने CM नीतीश के कार्यकाल में पुलिस प्रमुख रहने के दौरान एक वाकया साझा किया है।

तत्कालीन डीजीपी अभयानंद ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से बीते दिनों की याद ताजा की है। उन्होंने बताया है कि मेरे डीजीपी रहने के दौरान भी पुलिस विभाग में सलाहकार नियुक्ति की चर्चा छिड़ी थी। तब हमने राज्य के प्रमुख (मुख्यमंत्री) को अपनी भावना से अवगत करा दिया था। DGP अभ्यानंद ने बिहार के मुख्यमंत्री से साफ-साफ कहा था कि पुलिस विभाग में सलाह देने वाले को ही उस सलाह का क्रियान्वयन करना होगा। तब DGP की बात से CM भी सहमत हुए थे और पुलिस विभाग में सलाहकार की नियुक्ति नहीं की थी।

पूर्व DGP अभयानंद ने सलाहकारों की फ़ौज शीर्षक से बड़ा हमला बोला है। उन्होंने लिखा है कि नौकरी जब शुरू की थी तब जानकारी दी गई थी कि सरकार के मुख्य सलाहकार मुख्य सचिव हुआ करते हैं। जैसे-जैसे समय बीता, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने अपने चारों तरफ सलाहकारों की सेना खड़ी कर ली। यह तथाकथित विशेष्य माने जाने लगे, विभिन्न विधाओं के। कोई ऊर्जा तो कोई विधि-व्यवस्था, आदि आदि। 

हमने सरकार को साफ साफ बता दिया था-अभयानंद

पूर्व DGP ने आगे लिखा कि यह सभी सलाहकार जन-सेवक की तरह वेतन लेते हैं और सरकारी सुख-सुविधाओं का उपभोग भी करते हैं। मैं भी जब DGP था, तब एक चर्चा सुनने को मिली कि पुलिस विभाग के लिए भी सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे। मैंने अनौपचारिक रूप से अपनी भावना राज्य प्रमुख तक पहुंचा दी कि जो सलाह दें, वे ही क्रियान्वित भी करें। यह नहीं होगा कि सलाहकार सलाह देकर किनारे हो जाएँगे और क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी कोई और लेगा। अगर अच्छा हुआ तो सलाहकार महोदय की वाह-वाह और खेल बिगड़ा तो ठीकरा किसी और के सर। लगता है यह बात राज्य प्रमुख को सही लगी और पुलिस में कोई सलाहकार नियुक्त नहीं हुआ। अन्य विभागों में हुआ। 

उन्होंने कहा कि नीतिगत रूप से भी जो व्यक्ति सरकारी वेतन पर सलाह देता है, उसको अपने सलाह की पूरी जवाबदेही लेनी चाहिए। अगर यह नहीं होता है, तो सलाहकार और दलाल में कोई अंतर नहीं रह जाएगा। पूर्व DGP ने सलाहकारो पर तल्ख टिप्पणी करते हुए बता दिया कि आज की तारीख में कैसे लोग सलाहकार बन रहे हैं और उनका काम क्या रह गया है।

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